अमेरिका में ग्रीन कार्ड होने पर भी ट्वीट देख निकाल देंगे ट्रंप? जानें नई सोशल मीडिया पॉलिसी में क्या खतरे

अमेरिका में बाहर से कौन आ रहा है, इसको लेकर वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह मुस्तैद हैं, अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर सुपर एक्टिव हैं.

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अमेरिका में रहने वाले ग्रीन कार्ड होल्डर्स को जल्द सोशल मीडिया के डिटेल्स सरकार को सौंपने होंगे

अमेरिका में बाहर से कौन आ रहा है, इसको लेकर वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह मुस्तैद हैं, अपनी इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर सुपर एक्टिव हैं. इसी के तहत ट्रंप प्रशासन के एक नए प्रस्ताव के तहत अमेरिका में रहने वाले ग्रीन कार्ड होल्डर्स को जल्द ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट के डिटेल्स सरकार को सौंपने होंगे. वैसे तो विदेश में रहने वाले वीजा आवेदकों को पहले से ही अपने सोशल मीडिया हैंडल को अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (USCIS) के साथ शेयर करना होता है. लेकिन अब, नए प्रस्ताव के तहत, इस पॉलिसी का विस्तार उन लोगों तक भी होगा जो पहले से ही अमेरिका में कानूनी रूप से रह रहे हैं और स्थायी निवास के लिए अप्लाई कर रहे हैं या शरण मांग रहे हैं.

आलोचनाओं को रोकना चाहती है ट्रंप सरकार?

माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ऐसा करके आलोचना करने वालों को रोकना चाहती है. यह कदम व्हाइट हाउस को यह अनुमति दे सकता है कि वह अपने आलोचकों को अमेरिका में बने रहने से रोके. इसका असर अमेरिका में कानूनी रूप से रह रहे कई भारतीयों पर पड़ेगा जो भारतीय और अमेरिकी राजनीति में सक्रिय हैं. सरकार के इस कदम को देखते हुए हो सकता है कि वे अब जोखिम से बचने के लिए राजनीतिक मामलों पर ऑनलाइन बोलने का रिस्क न लें. 

5 मार्च को जारी एक नोटिस में ट्रंप प्रशासन ने अपनी इस योजना पर लोगों से उसकी राय मांगी थी. इसमें कहा गया है कि USCIS ने "आईडी वेरिफिकेशन, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा स्क्रीनिंग में मदद करने के लिए आवेदकों से उनके सोशल मीडिया हैंडल और संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के नाम जानना चाहा है.

अमेरिका फर्स्ट के नारे के साथ ट्रंप अवैध प्रवास के मुद्दे पर सुपर एक्टिव हैं. 20 जनवरी को, दोबार राष्ट्रपति पद संभालने के पहले दिन ही ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जिसमें फेडरल एजेंसियों को अवैध अप्रवासियों के "आक्रमण" से लड़ने के लिए टीम बनाने का निर्देश दिया गया. उन्होंने अवैध रूप से अमेरिका में देश के अनुमानित 11 मिलियन आप्रवासियों को अपराध, सामूहिक हिंसा और ड्रग्स की तस्करी के पीछे की वजह करार दिया. हालांकि इन दावों का समर्थन खुद अमेरिका सरकार के आंकड़े नहीं करते. ट्रंप ने प्रवासियों पर अमेरिकी सरकार के संसाधनों को खत्म करने और अमेरिका के ही लोगों को नौकरियों से वंचित करने का आरोप लगाया है.

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