मुनीर vs शरीफ...ट्रंप के साथ लंच के बाद ईरान पर हमला, पाकिस्‍तान में मच गया बवाल!

पाकिस्‍तान के राजनीतिज्ञ इस पूरे मामले में शरीफ से पारदर्शिता की उम्‍मीद कर रहे हैं. उनका मानना है कि मुनीर ने चीन को धोखा दिया है.

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इस्‍लामाबाद:

ईरान पर अमेरिका के हमले क्‍या हुए, पाकिस्‍तान में नया बवाल मच गया. पाकिस्‍तान में इस समय हर किसी को बस एक ही सवाल का जवाब चाहिए, 'आखिर ऐसा कैसे हो गया?' व्‍हाइट हाउस में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पाकिस्‍तान के जनरल आसिम मुनीर के साथ लंच किया. इस लंच के बाद ही उन्‍होंने ईरान पर हमला कर दिया. अमेरिकी हमलों के बाद पाकिस्‍तान के राजनेताओं को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से जवाब चाहिए. उन्‍हें जानना है कि आखिर ट्रंप के साथ लंच पर हुई मुलाकात में हुआ क्‍या? 

मुनीर ने दिया चीन को धोखा 

पाकिस्‍तान के राजनीतिज्ञ इस पूरे मामले में शरीफ से पारदर्शिता की उम्‍मीद कर रहे हैं. उनका मानना है कि मुनीर ने चीन को धोखा दिया है. शनिवार को ईरान पर हुए हमलों के बाद अमेरिका ने भी इजरायल के साथ जारी जंग में एंट्री कर ली है. जहां एक तरफ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ईरान पर अमेरिकी हमलों की आलोचना करते हैं तो उनके सेना प्रमुख पूरी तरह से खामोश हैं. सोमवार को नेशनल सिक्‍योरिटी कमेटी (NSC) की एक मीटिंग हुई है. इस मीटिंग की अध्‍यक्षता पीएम शरीफ ने की और इस दौरान उन्‍होंने ईरान के आत्‍मरक्षा के अधिकार की वकालत  की. मीटिंग में मुनीर भी मौजूद थे. 

मुनीर ने दी शरीफ को जानकारी 

पाकिस्‍तान के अखबार डॉन की मानें तो जनरल मुनीर की तरफ से पीएम शरीफ को बताया गया है कि ट्रंप की और उनकी मीटिंग के दौरान क्‍या बातें हुई हैं. दूसरी ओर कई पाकिस्तानी राजनेताओं और प्रमुख हस्तियों ने सरकार से राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम साल 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए प्रस्‍तावित करने के अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा है. मुनीर के ट्रंप के साथ लंच करने के बाद सरकार ने शुक्रवार 20 जून को ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्‍कार के लिए प्रस्‍तावित कर दिया. इस फैसले ने कई लोगों को हैरान किया था. 

लंच से ही खुश हो गए शरीफ! 

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के राजनेता मौलाना फजलुर रहमान ने मांग की कि सरकार अपना फैसला वापस ले. फजल ने कहा कि ट्रंप की हाल ही में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ  असीम मुनीर के साथ बैठक और लंच ने पाकिस्तानी के शासकों को इतना खुश कर दिया कि उन्होंने अमेरिकी राष्‍ट्रपति के लिए नोबेल पुरस्कार की सिफारिश कर डाली. 

रहमान ने, पाकिस्‍तान सरकार के अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर सवाल उठाया. उन्‍होंने कहा कि ये संबंध आपसी सम्मान पर आधारित होने चाहिए थे न कि गुलामी पर. उन्होंने इसके साथ ही पीएम शरीफ से कड़े सवाल भी पूछे हैं. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका के साथ दोस्ती का स्वागत है लेकिन पाकिस्तान की संप्रभुता, लोकतांत्रिक जनादेश या आर्थिक स्वायत्तता की कीमत पर नहीं. पाकिस्‍तान में कुछ लोग जनरल मुनीर पर अमेरिका के साथ मिलीभगत और ईरान की पीठ में खंजर भोंकने का आरोप लगाया है. 

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