अमेरिका में USTR ने पेश की अपनी रिपोर्ट, भारत में लगने वाले टैरिफ पर जताई चिंता

यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रीप्रजेंटेटिव ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी कांग्रेस को राष्ट्रीय व्यापार अनुमान 2025 रिपोर्ट सौंप दी है. इसमें भारत में लगाए जाने वाले टैरिफ पर चिंता जताई गई है.

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नई दिल्ली:

दो अप्रैल को रेसिप्रोकल टैरिफ की समय-सीमा खत्म होने से ठीक पहले यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रीप्रजेंटेटिव ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी कांग्रेस को राष्ट्रीय व्यापार अनुमान 2025 रिपोर्ट पेश किया है. राष्ट्रीय व्यापार अनुमान एक वार्षिक रिपोर्ट है.इसमें अमेरिकी निर्यातकों के सामने आने वाली विदेशी व्यापार बाधाओं और उन बाधाओं को कम करने के लिए यूएसटीआर के प्रयासों का विवरण दिया जाता है. 

भारत किस पर कितना टैरिफ लगाता है

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत कई तरह के सामान पर काफी ज्यादा टैरिफ लगाता है, जैसे वनस्पति तेल (45 फीसदी तक), सेब, मक्का और मोटरसाइकिल (50 फीसदी), ऑटोमोबाइल और फूल (60 फीसदी), प्राकृतिक रबर (70 फीसदी), कॉफी, किशमिश और अखरोट (100 फीसदी) और अल्कोहल मीश्रित पेयपदार्थ (150 फीसदी).

यूनाइटेड स्टेट ट्रेड रीप्रजेंटेटिव की यह रिपोर्ट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट व्यापार नीति' और उनके व्यापार नीति एजेंडे को रेखांकित करती है.रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ड्रग फार्मूलेशन पर काफी ज्यादा कस्टम ड्यूटी है. यह कुछ मामलों में 20 फीसदी से अधिक है. इनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल जीवन रक्षक दवाएं और तैयार दवाएं भी शामिल हैं.

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यूएसटीआर का आंकलन है कि भारत में ऊचे टैरिफ की वजह से कई तरह के कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे पोल्ट्री, आलू, साइट्रस, बादाम, पेकन नट्स, सेब, अंगूर, डिब्बाबंद आड़ू, चॉकलेट, कुकीज, फ्रोजेन फ्रेंच फ्राइज और फास्ट-फूड रेस्तरां में उपयोग किए जाने वाले अन्य तैयार खाद्य पदार्थ के व्यापार में बाधा आ रही है. 

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गैर-टैरिफ बाधाएं

राष्ट्रीय व्यापार अनुमान-2025 में दावा किया गया है कि टैरिफ के अलावा भारत ने कई तरह की गैर-टैरिफ बाधाएं भी हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है, "प्रतिबंधित सामान जिन्हें भारत में प्रवेश से वंचित किया गया है, उनमें वसा, तेल और पशुओं से निकलने वाला तेल शामिल है. वहीं कुछ ऐसी वस्तुएं हैं जिनके लिए गैर-स्वचालित आयात लाइसेंस की जरूरत होती है, जैसे कुछ पशुधन उत्पाद, कुछ दवाएं, कुछ रसायन और कुछ सूचना प्रौद्योगिकी प्रोडक्ट्स. इसके साथ ही ऐसी वस्तुएं भी हैं जिन्हें सिर्फ सरकारी नीतियों से ही आयात किया जा सकता है. इनके आयात समय और मात्रा के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी अनिवार्य है.

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