UN ने गाजा में की अकाल की घोषणा, 5 लाख लोग भुखमरी का शिकार, इजरायल ने दावे को बताया झूठा

द इंटीग्रेटेड फ़ूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन (आईपीसी) ने कहा कि गाजा पट्टी का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा है में अकाल. रिपोर्ट में कहा गया है कि "15 अगस्त 2025 तक, गाजा प्रांत, गाजा शहर, जो गाजा पट्टी का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा है में अकाल (आईपीसी चरण 5) की पुष्टि हो चुकी है. अकाल के पर्याप्त सबूत हैं".

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आईपीसी ने कहा कि गाजा में स्थानीय खाद्य प्रणाली पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है
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  • संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में पहली बार आधिकारिक तौर पर अकाल घोषित किया है, 5 लाख लोग भूखमरी का सामना कर रहे हैं.
  • इजरायल ने गाजा में खाद्य, पानी और दवा की आपूर्ति पर रोक लगाई है, जिससे वहां जीवन अत्यंत कठिन हो गया है.
  • इजरायल के हमलों के कारण गाजा में कृषि भूमि लगभग पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, जिससे खाद्य प्रणाली बर्बाद हो गई है
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संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर गाजा में अकाल की घोषणा कर दी है. पश्चिम एशिया में ऐसा पहली बार हुआ है जब अकाल घोषित किया गया हो. विशेषज्ञों की माने तो यहां पर 5,00,000 लोग 'भयावह' भूखमरी का सामना कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख टॉम फ्लेचर (UN aid chief Tom Fletcher) ने कहा कि अकाल को पूरी तरह से रोका जा सकता था. लेकिन इजरायल द्वारा पैदा किए गए अवरोधों के कारण फिलिस्तीनी क्षेत्र में भोजन नहीं पहुंच पा रहा था. वहीं संयुक्त राष्ट्र के इन आरोप को इजरायल ने सिरे से खारिज कर दिया है. इजरायल के विदेश मंत्रालय ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि 'गाजा में कोई अकाल नहीं है'. एक बयान में आईपीसी पैनल की रिपोर्ट (Rome-based IPC panel) की आलोचना करते हुए कहा कि 'यह हमास के झूठ पर आधारित है.' इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है कि गाजा को भूखा रखना 'युद्ध अपराध' है.

क्या है पूरा मामला, जानें

  1. इजरायल और हमास के बीच गाजा में 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है, युद्ध की शुरुआत हमास के गाजा पट्टी से इजरायल पर जमीनी, समुद्री और हवाई हमला करने के बाद शुरू हुई.
  2. लगभग 2 साल में इजरायल के किए हवाई हमलों में गाजा को भारी नुकसान हुआ है. शहर में व्यापक तौर पर विनाश और तबाही हुई है.
  3. इजरायल ने गाजा में भोजन, पानी, दवा जैसी जरूरी चीजों की आपूर्ति पर भी रोक लगाई है.
  4. इस वजह से क्षेत्र में जीवन मुश्किल हो गया है और लोग अकाल मृत्यु के शिकार हो रहे हैं.
  5. अंतर्राष्ट्रीय दबाव में इजरायल कभी-कभी खाद्य पदार्थों की आपूर्ति पर रोक को हटाता भी है, लेकिन बहुत सीमित समय के लिए. ऐसे में गाजा के लोगों को खाने की चीजे पहुंच नहीं पा रही हैं.
  6. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इजरायल के हमले में कम से कम 62,192 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से ज़्यादातर नागरिक थे. बता दें कि गाजा का स्वास्थ्य मंत्रालय हमास द्वारा संचालित है.

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां महीनों से फिलिस्तीनी क्षेत्र में बिगड़ती मानवीय स्थिति का मुद्दा उठा रही थी और बार-बार अकाल की चेतावनी भी दे रही थी. वहीं शुक्रवार को अपने नवीनतम अपडेट में, द इंटीग्रेटेड फ़ूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन (आईपीसी) ने कहा कि गाजा पट्टी का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा अकाल में है. रिपोर्ट में कहा गया है कि "15 अगस्त 2025 तक, गाजा प्रांत, गाजा शहर, जो गाजा पट्टी का लगभग 20 प्रतिशत हिस्से में अकाल है ( जो कि आईपीसी चरण 5 है). अकाल के पर्याप्त सबूत हैं."

द इंटीग्रेटेड फ़ूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन (IPC) खाद्य असुरक्षा को एक से पांच के पैमाने पर रैंक करता है. उत्तरी गाजा को अब चरण 5 जो की अकाल का है उसमें सूचीबद्ध किया गया है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि आने वाले हफ्तों में अन्य क्षेत्र में भी अकाल पड़ेगा

5 लाख से ज़्यादा लोग भुखमरी का शिकार

अनुमान है कि सितंबर के अंत तक डेर एल-बलाह और खान यूनिस प्रांतों में भी अकाल हो जाएगा. जिससे की फिलिस्तीनी क्षेत्र के लगभग दो-तिहाई हिस्से अकाल से ग्रस्त होगा. रिपोर्ट में कहा गया है, "22 महीनों के संघर्ष के बाद, गाजा पट्टी में 5 लाख से ज़्यादा लोग भुखमरी, अभाव और मौत जैसी भयावह परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. 1 जुलाई से 15 अगस्त के बीच एकत्रित जानकारी के आधार पर, यह संख्या सितंबर के अंत तक बढ़कर लगभग 6,41,000 हो जाने की उम्मीद है. जो कुल आबादी का लगभग एक तिहाई है.

आईपीसी ने कहा कि गाजा पट्टी में भुखमरी का विश्लेषण शुरू करने के बाद से यह स्थिति में सबसे गंभीर गिरावट है. आईपीसी ने कहा कि यह सब इजरायल और हमास के बीच बढ़ते युद्ध के कारण हुआ. मार्च की शुरुआत में, इजरायल ने गाजा से सहायता आपूर्ति पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. मई के अंत में बहुत सीमित मात्रा में आपूर्ति की अनुमति दी थी. जिससे भोजन, दवा और ईंधन की भारी कमी हो गई.

आईपीसी ने कहा कि गाजा में स्थानीय खाद्य प्रणाली पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. गाजा पट्टी में अनुमानित 98 प्रतिशत कृषि भूमि या तो क्षतिग्रस्त हो गई है या पहुंच के योग्य नही है. पशुधन नष्ट हो गया है और मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

" ये हम सबको डर रहा है"

जिनेवा में बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रमुख टॉम फ्लेचर ने कहा कि ये अकाल " हम सबको डर रहा है". उन्होंने पत्रकारों से कहा, "यह एक ऐसा अकाल है जिसे हम रोक सकते थे. अगर हमें इजाज़त दी जाए तो. इजरायल के कारण सीमाओं पर खाद्य सामग्री जमा हो रही है."

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"बुनियादी ज़रूरतें सुनिश्चित करने इजरायल"

इजरायल हमास का पूर्ण सफाया करना चाहता है. गाजा हमास का गढ़ है, इजरायल की गाजा पर पूर्ण नियंत्रण की योजना है. आरोप है कि इजरायल ने गाजा में भोजन, पानी, दवा जैसी जरूरी चीजों की आपूर्ति  रोक रखी है. रेड क्रॉस ने इजरायल  से कहा है उसे गाजा के नागरिकों की 'बुनियादी ज़रूरतें' सुनिश्चित करनी चाहिए और जरूरी चीजों की आपूर्ति पर लगाई रोक को खत्म कर देना चाहिए.

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