गाजा पट्टी में हमास के लड़ाकों और इजरायली सेना के बीच जंग (Israel Hamas War) जारी है. इजरायली सेना हमास के ठिकानों को चुन-चुनकर निशाना बना रही है. ऐसे में गाजा में जिंदगी के नामोनिशान नजर नहीं आ रहे... पसरा है, तो सिर्फ मौत के निशान और निराश चेहरे. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय राहत कार्यों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने शुक्रवार को कहा कि अक्टूबर में हमास समूह के हमले के जवाब में इजरायली बलों द्वारा लगातार बमबारी के बाद गाजा "निर्जन" हो गया है.
गाजा बिल्कुल ही रहने लायक नहीं रहा...
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रिफिथ्स ने एक बयान में कहा, "7 अक्टूबर के भयानक हमलों के तीन महीने बाद, गाजा पट्टी मौत और निराशा का स्थान बन गया है. गाजा बिल्कुल ही रहने लायक नहीं रह गया है. यहां के लोगों के सिर पर हर वक्त खतरा मंडरा रहा है. ये सब दुनिया देख रही है. राहत कार्यों में लगे लोगों को दो मिलियन से अधिक लोगों का समर्थन करने के असंभव मिशन के साथ छोड़ दिया गया है."
गाजा का अधिकांश हिस्सा मलबे में तब्दील
एएफपी संवाददाताओं ने शुक्रवार को बताया कि गाजा पट्टी का अधिकांश हिस्सा पहले ही मलबे में तब्दील हो चुका है, खान यूनिस और राफा के दक्षिणी शहरों के साथ-साथ मध्य गाजा के कुछ हिस्सों में रात भर हवाई हमले जारी रहे. इजरायली सेना ने कहा कि उसके सैनिकों ने पिछले 24 घंटों में गाजा में "100 से अधिक लक्ष्यों को निशाना बनाया", सैन्य ठिकाने, रॉकेट प्रक्षेपण स्थल और हथियार डिपो शामिल हैं.
90 दिनों का नरक
ग्रिफिथ्स ने कहा, "हम युद्ध को तत्काल समाप्त करने की मांग करते हैं, न केवल गाजा के लोगों और उसके पड़ोसी पड़ोसियों के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी, जो इन 90 दिनों के नरक और मानवता के सबसे बुनियादी सिद्धांतों पर हमलों को कभी नहीं भूलेंगे. यह युद्ध कभी शुरू नहीं होना चाहिए था, लेकिन इसके ख़त्म होने में काफी समय लग रहा है."
ताजा आधिकारिक इजरायली आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, 7 अक्टूबर को हमास के हमले में इजरायल में लगभग 1,140 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जवाब में इज़राइल ने बमबारी और जमीनी आक्रमण किया, जिसमें कम से कम 22,600 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे.
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