संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने बांग्लादेश (Bangladesh) और नेपाल (Nepal) समेत तीन देशों को न्यूनतम विकसित देश (एलडीसी) (LDC) की श्रेणी से विकासशील देशों की सूची में शामिल करने संबंधी एक ऐतिहासिक प्रस्ताव को अंगीकृत किया है. इन देशों की प्रगति को प्रदर्शित करने वाली यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अपने 76वें सत्र में इस प्रस्ताव को स्वीकार किया. दर्जा बढ़ोतरी के लिए मंजूरी पाने वाले तीन देश बांग्लादेश, नेपाल और लाओस हैं. संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को एक बयान में कहा कि पांच साल की असाधारण रूप से विस्तारित प्रारंभिक अवधि (मानक अवधि तीन वर्ष की है) के बाद तीनों देश एलडीसी श्रेणी से उन्नत होंगे. कोविड-19 के हालात से उत्पन्न आर्थिक और सामाजिक झटकों के बावजूद महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उपायों और नीतियों तथा रणनीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने के बीच यह दर्जा बढ़ाया गया है.
कुछ गैर जिम्मेदार देश संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि की गलत व्याख्या कर रहे : राजनाथ सिंह
संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश की स्थायी प्रतिनिधि रबाब फातिमा ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘यूएनजीए ने बांग्लादेश को एलडीसी श्रेणी से निकालने के लिए ऐतिहासिक प्रस्ताव अंगीकृत किया. हमारी स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ और ‘बंगबंधु' की जन्मशती मनाने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है. राष्ट्रीय आकांक्षा की पूर्ति हो रही और यह प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण-2021 है.''
फातिमा ने प्रस्ताव अपनाने को लेकर आम सहमति तक पहुंचने के लिए सभी सदस्य देशों, विशेष रूप से विकास भागीदारों का उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम' के अनुसार फातिमा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 2021 तक बांग्लादेश को मध्यम आय वाला देश और 2041 तक विकसित देश में बदलने की कल्पना की है. उन्होंने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौतियों के बावजूद इस रोमांचक सफर में हमें आगे बढ़ाया है.''
संयुक्त राष्ट्र की कमेटी फॉर डेवलपमेंट पॉलिसी (सीडीपी) के अनुसार, वर्तमान में एलडीसी श्रेणी में 46 देश हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विकासशील देश की श्रेणी में आने के लिए किसी देश की प्रति व्यक्ति आय 1230 अमेरिकी डॉलर होना चाहिए. अखबार ‘डेली स्टार' ने वित्त मंत्री ए एच एम मुस्तफा कमाल के हवाले से कहा, ‘‘यह बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर है. यह एक दशक से अधिक की प्रगति का प्रतिबिंब है. सभी क्षेत्रों से जुड़े लोग इस सफलता का हिस्सा हैं.'' संयुक्त राष्ट्र ने 1975 में जब बांग्लादेश को एलडीसी समूह में शामिल किया तो देश की गरीबी दर 83 प्रतिशत थी. पिछले कुछ वर्षों में गरीबी दर में गिरावट आई है और कोविड-19 महामारी से पहले 2019-20 में यह दर 20.5 प्रतिशत थी.
बांग्लादेश अब आधिकारिक तौर पर 2026 में विकासशील देश बनने वाला है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र समिति ने सिफारिश की थी कि देश को अपनी अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव के कारण संक्रमण की तैयारी के लिए तीन के बजाय पांच साल मिलना चाहिए. नेपाल ने दूसरी बार विकासशील देश के दर्जे के लिए प्रति व्यक्ति आय, मानव संपत्ति सूचकांक (एचएआई), और आर्थिक तथा पर्यावरणीय जोखिम सूचकांक (ईवीआई) संबंधी सभी तीन पात्रता मानदंडों को पूरा किया है.
एलडीसी श्रेणी में नेपाल का समावेश 1971 में हुआ. एलडीसी श्रेणी में ऐसे देश होते हैं जो सतत विकास प्राप्त करने के लिए गंभीर संरचनात्मक बाधाओं से जूझ रहे हैं.