ब्रिटेन (UK) का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत ‘एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince of Wales) ' अमेरिका के लिए पोर्ट्समाउथ नौसैन्य अड्डे से रवाना होने के बाद इंग्लैंड के दक्षिणी तटीय क्षेत्र में खराब हो गया. बताया जाता है कि युद्धपोत में कुछ तकनीकी खराबी आ गई है जिसकी पड़ताल की जा रही है. तीन अरब पाउंड की लागत वाला यह पोत नौसैन्य बेड़े में पिछले साल पूरी तरह से शामिल हुआ था. खबर है कि खराबी आने के बाद यह अब आइल ऑफ वाइट के दक्षिण-पूर्वी समुद्री क्षेत्र में खड़ा है.
द गार्डियन के अनुसार, यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा युद्दपोत है और नाटो का प्रमुख मालवाहक जहाज़ है. इसमें पहले भी कई बार दिक्कतें आती रही हैं. साल 2020 के अंत में यह इंजन में पानी घुस जाने के कारण कई दिनों तक पोर्ट्समाउथ में खड़ा रहा ता. सेवा के पहले दो सालों में युद्दपोत ने 90 से भी कम दिन समुद्र में बिताए हैं. इसमें पांच महीनों में 2 बार लीकेज की समस्या सामने आई थी.
पत्रिका के लेख के अनुसार, इसे 1,600 क्रू सदस्यों के साथ अटलांटिक पार करना था. इसे हैलीफैक्स, कनाडा में रुकना था और न्यूयॉर्क में रुकते हुए करेबियाई सागर जाना था. इस जहाज़ के क्रू को अमेरिका सेना और रॉयल कनेडियन नेवी के साथ F-35B जेट्स और बिना क्रू के सिस्टम की ट्रेनिंग लेनी थी.
द वीक के अनुसार, ब्रिटेन की नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स में यांत्रिक खराबी की पड़ताल की जा रही है और यह दक्षिण तटीय अभ्यास क्षेत्र में है.
रॉयल नेवी ने शनिवार को कैरीबियाई क्षेत्र में उत्तर अमेरिकी अतटीय इलाके में 'स्टेल्थ जेट और ड्रोन संचालन के भविष्य को आकार देने' के लिए 65 हजार टन वजन वाले युद्धपोत के अमेरिका रवाना होने की घोषणा की थी.