"भारत को साथ लाना महत्वपूर्ण" : यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री ने कहा

जापारोवा ने बताया कि उन्होंने बिना उकसावे के रूस के आक्रमण से मुकाबला करने के यूक्रेन के प्रयासों के बारे में भारतीय पक्ष को जानकारी दी और यूक्रेन के नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की के शांति फार्मूले और अनाज पहल में शामिल होने के लिए भारत को आमंत्रित किया.

नई दिल्ली:

यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा ने सोमवार को कहा कि भारत वैश्विक नेता है और महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों से निपटने और शांति को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. उन्होंने पिछले वर्ष सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को भी उद्धृत किया कि आज का युग युद्ध का नहीं है. जापारोवा ने सोमवार को विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा से द्विपक्षीय सम्पर्क और सहयोग को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा की तथा आपसी हितों से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किये.

जापारोवा ने बताया कि उन्होंने बिना उकसावे के रूस के आक्रमण से मुकाबला करने के यूक्रेन के प्रयासों के बारे में भारतीय पक्ष को जानकारी दी और यूक्रेन के नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की के शांति फार्मूले और अनाज पहल में शामिल होने के लिए भारत को आमंत्रित किया. उन्होंने कहा कि भारत को साथ लेना महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूक्रेन किसी दूसरे देश के साथ आर्थिक संबंधों को लेकर भारत को निर्देश देने की स्थिति में नहीं है.

इसे नयी दिल्ली और मास्को के बीच ऊर्जा संबंधों के परोक्ष संदर्भ में देखा जा रहा है. जापारोवा चार दिवसीय यात्रा पर भारत में हैं. जापारोवा की यह यात्रा पिछले वर्ष 24 फरवरी को रूसी आक्रमण शुरू होने के बाद यूक्रेन से पहली ऐसी यात्रा है. वर्मा के साथ बैठक के बाद जापारोवा ने संवाददाताओं से बातचीत में भारत को एक वैश्विक नेता और विश्वगुरू बताया जो वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भूमिका निभा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं समझती हूं कि भारत वैश्विक स्थान रखता है. यह दुनिया में वास्तव में विश्वगुरू है. हम वास्तव में मूल्यों के लिए संघर्ष करते हुए कष्ट सह रहे हैं. यह न्याय के लिए है.'' उन्होंने कहा, ‘‘ रूस मेरे देश के अस्तित्व पर सवाल उठा रहा है. 1500 वर्षो के इतिहास में यूक्रेन ने कभी किसी दूसरे देश पर हमला नहीं किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा कभी भी पड़ोसियों के प्रति साम्राज्यवादी व्यवहार नहीं रहा. हम बिना किसी उकसावे के नव औपनिवेशिक युद्ध के पीड़ित हैं.''

जापारोवा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के लिए पहले से ही निमंत्रण है और यूक्रेन के राष्ट्रपति भी भारतीय नेता को आमंत्रित करेंगे. रूस के साथ भारत के आर्थिक संबंधों के बारे में पूछे जाने पर यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हम किसी दूसरे देश के साथ आर्थिक संबंधों को लेकर भारत को निर्देश देने की स्थिति में नहीं है. '' उन्होंने कहा कि वह समझती हैं कि भारत को ऊर्जा संसाधनों, सैन्य अनुबंधों और राजनीतिक संवादों के विविधीकरण को लेकर व्यवहारिक होना चाहिए.

संजय वर्मा ने जापारोवा के साथ बैठक पर ट्वीट किया, ‘‘ यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा का स्वागत करते हुए प्रसन्नता हो रही है. हमने अपने अपने विचार साझा किए. '' उन्होंने कहा कि हमने आगे बढ़ते हुए द्विपक्षीय सम्पर्क और सहयोग के बारे में चर्चा की. वहीं, जापारोवा ने अपने ट्वीट में कहा कि विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा से नयी दिल्ली में चर्चा की और बिना उकसावे के आक्रमण से निटपने के यूक्रेन के प्रयासों की जानकारी दी.

इससे पहले, भारत आने पर जापारोवा ने ट्वीट किया कि भारत की यात्रा पर आकर प्रसन्न हूं, यह ऐसी धरती है जिसने अनेक संतों, साधुओं और गुरूओं को जन्म दिया. जापारोवा 12 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं. जापारोवा का विदेश राज्य मंत्री एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है. वे उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी मुलाकात करेंगी.

पिछले साल फरवरी में रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही यूक्रेन के नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बातचीत की है. हालांकि, भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है. भारत का कहना है कि इस संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए.विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत यूक्रेन के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग साझा करता है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था, 'कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के 30 वर्ष के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है. यह यात्रा आपसी समझ और हितों को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगी.''

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)