'यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले (Russian Attack) और इसके वैश्विक प्रभाव' विषय पर बृहस्पतिवार को मीडिया से बातचीत में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पहली उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ (Geeta Gopinath) ने कहा कि इस युद्ध (Ukraine War) के कारण भारत समेत दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष चुनौती आ खड़ी हुई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा है कि भारत (India) ने अपनी अर्थव्यवस्था (Economy) का प्रबंधन बहुत अच्छी तरह किया है लेकिन वैश्विक ऊर्जा कीमतों (Global Energy Prices) में वृद्धि का उसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है.
उन्होंने कहा कि इसका भारत की मौद्रिक नीति पर असर पड़ेगा और यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों के लिए चुनौती है.
जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से अर्थव्यवस्था पर जिसका सबसे अधिक प्रभाव होगा वह है ऊर्जा कीमतें.'' उन्होंने कहा कि भारत ऊर्जा का आयातक है और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि का उस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
जॉर्जीवा ने कहा, ‘‘भारत अपनी अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने में अच्छा रहा है.''