- रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन ने पुतिन के आवास को टारगेट करके ड्रोन अटैक किया है
- उन्होंने बताया कि नोवगोरोड में पुतिन के निवास की तरफ 91 ड्रोन से हमला हुआ था, लेकिन सभी को मार गिराया गया
- जेलेंस्की ने कहा कि ये मनगढ़ंत आरोप शांति वार्ता में प्रगति को पटरी से उतारने की साजिश हो सकती है
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले करीब चार साल जारी युद्ध को खत्म कराने के लिए एक तरफ जहां शांति समझौते पर बातचीत चल रही है, वहीं सोमवार को एक बड़ा घटनाक्रम हुआ. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आवास पर 91 ड्रोन से हमले का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि ये हमला नोवगोरोड इलाके में स्थित राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास को निशाना बनाकर किया गया.
रुस ने हवा में ही मार गिराए ड्रोन
लावरोव ने बताया कि लंबी दूरी के ड्रोन से ये हमला 28-29 दिसंबर की दरमियानी रात को किया गया था. हालांकि रूसी एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन्स को हवा में ही मार गिराया. उन्होंने इसे यूक्रेन सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमला करार दिया और कहा कि ऐसी हरकतों को बिना जवाब दिए नहीं छोड़ा जाएगा. इस हमले के वक्त राष्ट्रपति पुतिन वहां मौजूद थे या नहीं, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है.
ड्रोन अटैक के बाद बिखरा मलबा. Photo Credit: फोटो साभार TASS
रूस ने कहा- ये आतंकी हमला, बदला लेंगे
रूस ने इन हमलों का बदला लेने की तैयारी कर ली है. ये भी तय कर लिया है कि जवाबी हमला कब और कहां किया जाएगा. इसके साथ ही रूस ने शांति समझौते पर अपने रुख से पलटने के भी संकेत दिए हैं. उसे यूक्रेन पर आतंकी हमला करने का आरोप लगाया है और कहा है कि अब चूंकि यूक्रेन ने आतंकवाद का रास्ता अपना लिया है, ऐसे में वह शांति वार्ता के रुख पर फिर से विचार करेगा.
जेलेंस्की ने हमले के आरोप को खारिज किया
उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के उन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया, जिसमें दावा किया गया है कि यूक्रेन ने नोवगोरोड में में पुतिन के आवास पर हमला करने की कोशिश की है. जेलेंस्की ने इन दावों को मनगढ़ंत झूठ करार दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि यूक्रेन का पुतिन के किसी भी आवास पर हमला करने का कोई इरादा नहीं है.
शांति वार्ता को पटरी से उतारने की साजिशः जेलेंस्की
उन्होंने आरोप लगाया कि मॉस्को ऐसे मनगढ़ंत आरोप इसलिए लगा रहा है ताकि वह कीव और अन्य सरकारी इमारतों पर अपने नए हमलों को जायज ठहरा सके. जेलेंस्की ने कहा कि यह शांति वार्ता में हो रही प्रगति में रोड़ा अटकाने की सोची-समझी साजिश हो सकती है.













