'बिजली नहीं, पानी भी नहीं है' : यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र SOS Messages भेज लगा रहे मदद की गुहार

यूक्रेन में फंसे छात्र ने बताया कि हम बंकर में लंबे समय से फंसे हुए हैं. हम बाहर एक जोरदार धमाके की आवाज सुनकर यहां भागे. रूसी सीमा पर बसें हैं. लेकिन वहां जाने में डेढ़ घंटे से अधिक का समय लग जाएगा. लगातार गोलीबारी के बीच हम वहां कैसे जा सकते हैं.

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यूक्रेन में रूसी हमले के बीच भारतीय छात्र SOS Messages के जरिए मदद की लगा रहे गुहार

तिरुवनंतपुरम:

रूसी सेना यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा रही है. इस बीच रूस से लगभग 60 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्वी यूक्रेन के सूमी में फंसे हुए भारतीय छात्र बढ़ते हवाई हमलों के बीच वतन वापसी की मांग करते हुए एसओएस (SOS) मैसेज भेज रहे हैं.  सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक छात्र स्वाथिल ने एनडीटीवी को बताया कि हम सायरन और हवाई हमले सुन सकते हैं. हम अब अपने बंकरों में चले गए हैं. हम अभी हाई रिस्क और अनिश्चितता के बीच हैं. हम रूस के करीब हैं. सेफ्टी इश्यू के कारण यूक्रेन के पश्चिमी भाग में जाना हमारे लिए असंभव है. रूसी सीमा की ओर बढ़ने के लिए यूक्रेन सरकार से कोई निर्देश या मंजूरी नहीं मिली है. 

सूमी में लगभग 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं और वापसी के लिए बार-बार अपील कर रहे हैं. वहीं तीसरे वर्ष के मेडिकल छात्र ने एनडीटीवी को बताया कि हम इस बंकर में लंबे समय से फंसे हुए हैं. हम बाहर एक जोरदार धमाके की आवाज सुनकर यहां भागे. रूसी सीमा पर बसें हैं. लेकिन वहां जाने में डेढ़ घंटे से अधिक का समय लग जाएगा. लगातार गोलीबारी के बीच हम वहां कैसे जा सकते हैं.

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एक अन्य छात्रा ने बताया कि अभी बिजली नहीं है. पानी की किल्लत है. जब हमने बमबारी की आवाज सुनी, तो हम बस अपना पासपोर्ट लेकर बंकरों में भाग गए. हम वास्तव में बहुत डरे हुए हैं.  एनडीटीवी को एक वीडियो संदेश में एक छात्र ने कहा, हम यह भी नहीं जानते कि कोई हमें यहां से निकाला जाएगा या नहीं. हम खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं. अब हम पिसोचिन में फंसे हुए हैं.यहां कुछ भी नहीं है. बस या ट्रेनों की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां न निकासी की प्रक्रिया है और न ही दूतावास से कोई मदद. हमारे पास कोई अपडेट नहीं है. हम पूरी तरह फंस गए हैं. यह एजेंट हैं जिन्होंने हमें कुछ आश्रय प्रदान किया है. दूतावास द्वारा कुछ भी प्रदान नहीं किया गया. छात्र ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई. 

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वीडियो में दिख रही एक अन्य छात्रा कहती है, हमने सुबह से कई धमाकों की आवाज सुनी है. कृपया हमारी मदद करें. हम यहां फंस गए हैं. यहां तक ​​कि हमारे साथ कई महिलाएं भी हैं. पिसोचिन में वर्तमान में फंसे हुए 300 से अधिक छात्र भारतीय दूतावास से सहायता या निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. सरकार ने गुरुवार को कहा कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन से पिछले 24 घंटों में 15 उड़ानों में 3,000 भारतीयों को निकाला गया है. 

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