लंदन (London) में गर्भपात (miscarriage) से पीड़ित एक महिला को अपने मृत शिशु (Stillborn Baby) का शरीऱ फ्रिज में रखना पड़ा क्योंकि अस्पताल वालों ने उसे मना कर दिया था. लॉरा ब्रूडी (Laura Brody) ने कहा कि लेवीशैम (Lewisham) के यूनिवर्सिटी अस्पताल (University Hospital) में बिस्तरों की कमी का हवाला देकर उसे घर भेज दिया गया था और उसे घर पर ही अपने बच्चे को जन्म देना पड़ा. अस्पताल ने अब इस घटना के बारे में जांच शुरू कर दी है. महिला और उसके पति ने दावा किया है कि अस्पताल के स्टाफ ने उसके मृत बच्चे को स्टोर करने को लेकर भी अक्षमता जाहिर की.
मिस्टर व्हाइट ने बीबीसी को बताया, " मैं एक टप्परवेयर का बॉक्स लिया, जिसमें मैं अस्पताल से अपने बच्चे के अवशेष घर लेकर आया था, अपने फ्रिज में कुछ जगह बनाई और उस बॉक्स को वहां रख दिया."
बीबीसी रिपोर्ट के अनुसार, इस जोड़े ने 999 डाइल किया लेकिन उन्हें कहा गया कि यह कोई आपात स्थिति नहीं है.
द गार्डियन से बात करते हुए मिस ब्रूडी ने कहा कि पहले भी उन्हें गर्भपात हो चुका है और उन्हें अस्पताल स्टाफ ने बताया था कि वो बिना मेडिकल निगरानी के घर पर बच्चे को जन्म नहीं दे सकती हैं. लेकिन मिस ब्रूडी ने अपनी गर्भावस्था के चार महीने बाद अपने घर के टॉयलेट में अपने बच्चे को जन्म दिया. जोड़े ने बताया कि जब वो अस्पताल पहुंचे तो उन्हें गर्म और ठसाठस भरे जनरल वेटिंग रूस में इंतजार करने को कहा गया, जहां करीब 20-30 और लोग बैठे थे.
मिस ब्रूडी ने गार्डियन को बताया, " कोई नहीं चाहेगा कि उनके बच्चे के अवशेषों को टप्परवेर के बॉक्स में रखा जाए. उसे किनारे रख दिया गया था और अस्पताल के स्टाफ ने उसे पूरी तरह से अनदेखा किया और उससे किसी कचरे की तरह बर्ताव किया गया."
मिस ब्रूडी ने कहा "उन्होंने कहा कि अवशेषों को मुर्दाघर ले जाने के लिए हमारे पास काजग पूरे नहीं हैं, यह बेहद अजीब था, क्योंकि यह बेहद घृणित है कि किसी ने घर पर अभी बच्चे को जन्म दिया हो, उससे काजग पूरे करने को कहा जाए."
39 साल की ब्रूडी ने कहा कि वैश्विक गर्भपात पर एक डॉक्यूमेंट्री देख कर अपने अनुभव के बारे में बात करने का फैसला किया. मिस ब्रूडी कहती हैं " मैं चाहती थी कि लोग जानें कि लंदन में 2022 में ऐसे अनुभव हो रहे हैं, दुनिया के किसी दूर-दराज के इलाके में नहीं."