महिला को आया पैनिक अटैक तो AI थेरेपिस्ट से ली मदद, अब शेयर किया अनुभव

पेनिंगटन ने बताया कि उन्हें घबराहट हो रही थी और दौरा पड़ रहा था. इसके बाद बॉट ने उसका मार्गदर्शन किया. महिला ने दावा किया कि व्यायाम से उसे मदद मिली और उसके घबराहट के दौरे कम होने लगे.

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AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में लोग तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. वहीं, एआई की संभावनाएं असीमित हैं और इसकी खोज अभी शुरू ही हुई है. अब, लाखों लोग सबसे व्यक्तिगत कार्यों में से एक के लिए एआई की ओर रुख कर रहे हैं. वैश्विक स्तर पर चिकित्सकों की कमी और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में वृद्धि के साथ, ये एआई-संचालित बॉट सस्ते, सुविधाजनक और तत्काल सहायता प्रदान करते हैं. यूके से एक ऐसा ही ममला सामने आया है. यहां की एक महिला ने खुलासा किया कि जब उसे पैनिक अटैक आया तो वह मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए एआई थेरेपिस्ट के पास गई.

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मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में यूके में एक महिला ने खुलासा किया कि जब उसे पैनिक अटैक आया तो वह एआई थेरेपिस्ट के पास गई. अपने अनुभव को याद करते हुए, मौली पेनिंगटन ने कहा कि वह इसका उपयोग करने के बारे में पूरी तरह से विरोधी थीं, लेकिन उन्होंने इसे एक मौका देने का फैसला किया. उसने सबसे पहले Google में AI थेरेपी टाइप की और पहले लिंक पर क्लिक किया.

पेनिंगटन ने बताया कि उन्हें घबराहट हो रही थी और दौरा पड़ रहा था. इसके बाद बॉट ने उसका मार्गदर्शन किया. महिला ने दावा किया कि व्यायाम से उसे मदद मिली और उसके घबराहट के दौरे कम होने लगे. लेकिन वह इस बात से भी चिंतित थी कि क्या एक एआई चिकित्सक पैनिक अटैक से भी अधिक जटिल स्थिति को संभालने में सक्षम होगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि निजी थेरेपी महंगी है और हर कोई इसे वहन नहीं कर सकता. 

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