ब्रिटेन (UK) के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने बुधवार को घोषणा की है कि वो मिस्त्र में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे. अपने कार्यकाल की शुरुआत में इस ग्लोबल इवेंट में शामिल होने से मना करने के बाद ऋषि सुनक की आलोचना हो रही थी. सुनक ने कहा था कि देश के आर्थिक संकट को देखते हुए उनके सामने घरेलू प्रतिबद्धताएं बहुत बड़ी हैं, और इस कारण वह लाल सागर के किनारे बसे शर्म-अल-शेख रिजॉर्ट में होने वाले COP27 में शामिल नहीं हो पाएंगे.
लेकिन उनके इस फैसले के कारण ऋषि सुनक की पर्यावरण के प्रति रुचि को लेकर सवाल पैदा हो गए थे. आलोचकों का कहना था कि अनुभवहीन नेता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूरोपीय नेताओं के साथ मुलाकात के अवसर से बचना चाह रहे हैं.
ऋषि सुनक ने इसके बाद ट्विटर पर लिखा, "क्लामेट चेंज पर एक्शन के बिना लंबे समय तक कोई सम्पन्न नहीं रह सकता. इस कारण मैं अगले हफ्ते @COP27P में शामिल होउंगा ताकि मैं ग्लासगो की परंपरा को सुरक्षित और सतत पोषणीय विकास के लिए आगे बढ़ा सकूं. "
यह स्कॉटिश सिटी बोरिस जॉनसन के नेतृत्व के दौरान COP26 की मेजबान थी. उन्होंने नेट जीरो को अपनी एक सिग्नेचर पॉलिसी बनाया था.
ट्रस ने नेट जीरो को लेकर काफी संदेह जताया था और किंग चार्ल्स तृतीय को COP27 में जाने से रोक दिया था.
नए राजा पर्यावरण को लेकर लंबे समय से कैंपेन चलाते आए हैं और सुनक के हृदय परिवर्तन से मिस्त्र में ब्रिटेन की पर्यावरण प्रतिबद्धता को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है.
ब्रिटेन के नए शासक शुक्रवार को बकिंघम पैलेसस में शुक्रवार को बिजनेस लीडर्स, कैंपेनर्स और राजनेताओं के साथ pre-COP रिसेप्शन रखने वाले हैं. इसमें अमेरिकी क्लाइमेट चेंज राजदूत जॉन कैरी भी शामिल होंगे.
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