चीन से आने वाले यात्रियों पर अब यूके भी कोविड-19 पाबंदियां लगा सकता है. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इन पाबंदियों में कोरोनावायरस के टेस्ट को भी अनिवार्य किया जा सकता है.
Reuters ने अपनी रिपोर्ट में अखबार की खबर के हवाले से लिखा है कि परिवहन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं सामाजिक कल्याण मंत्रालय के अधिकारी गुरुवार को तय कर सकते हैं कि अमेरिका और इटली की तर्ज पर यूके में भी चीन से आने वाले लोगों के लिए कोविड पाबंदियां लागू की जानी चाहिए.
संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार को चीन से आने वालों के लिए कोरोना वायरस का टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. वहीं, इटली ने COVID-19 एंटीजन स्वैब और वायरस सीक्वेंसिंग का आदेश दिया है.
भारत की बात करें तो आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अगले 40 दिन महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले जनवरी में तेजी से बढ़ सकते हैं. महामारी के प्रसार की पिछली पद्धति का हवाला देते हुए यह कहा गया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से कहा है, "पहले यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नयी लहर आई थी... यह एक प्रवृत्ति रही है.''
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने हालांकि कहा कि संक्रमण की गंभीरता कम है. यदि कोविड की नयी लहर आती भी है तो इससे होने वाली मौतें और संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी. सूत्रों ने बताया कि पिछले दो दिनों में, भारत आये 6,000 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोविड-19 जांच की गई, जिनमें 39 की रिपोर्ट ‘पॉजिटिव' आई है.
सरकार ने शनिवार से प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय उड़ान से आने वाले यात्रियों में से दो प्रतिशत की ‘रैंडम' कोविड जांच अनिवार्य कर दी है.