ईरान पर अमेरिका के हमले को यूके ने बताया सही, कहा- अब तेहरान को बातचीत के टेबल पर आना चाहिए

अमेरिका की एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पुष्टि की है कि ईरान ने रविवार सुबह इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं. इधर ब्रिटेन ने इस हमले को सही ठहराया है. वहीं कई देशों ने इस हमले की निंदा की है.

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नई दिल्ली:

इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. अब इस युद्ध में अमेरिका की भी एंट्री हो गई. वहीं यूके ने भी ईरान पर हुई कार्रवाई को सही ठहराया है और कहा है कि अब तेहरान को बातचीत के टेबल पर आना चाहिए. ईरान ने इन हमलों को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" करार देते हुए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है. वहीं कई देशों की तरफ से बातचीत की पहल की जा रही है. सऊदी अरब ने बातचीत के द्वारा शांति स्थापित करने की मांग की है. 

अमेरिकी एयर स्ट्राइक के बाद ईरान का इजरायल पर हमला

अमेरिका की एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने पुष्टि की है कि ईरान ने रविवार सुबह इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं. इन हमलों में करीब16 लोगों के घायल होने की खबर है, जबकि कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं.  आपातकालीन सेवा मैगन डेविड एडोम (एमडीए) के अनुसार इन मिसाइल हमलों में दो बच्चे भी मामूली रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें तेल अवीव के इचिलोव मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया है. 

अमेरिकी बमबारी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन : ईरानी परमाणु एजेंसी

ईरान के 'एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन' ने कहा है कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स पर हमले 'अंतरराष्ट्रीय कानून' का उल्लंघन है. हालांकि, ऑर्गेनाइजेशन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों से कितना नुकसान हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु स्थलों पर हमले किए. यह हमला रविवार सुबह 4.30 बजे (भारतीय समय के अनुसार) हुआ. 

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 'या तो शांति होगी या त्रासदी': डोनाल्ड ट्रंप 

अमेरिकी हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित किया. ट्रंप ने बताया कि अमेरिका का मकसद ईरान की 'न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी' को तबाह करना था. यूएस चाहता था कि ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म किया जाए. ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि बीते 40 साल से ईरान, अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है. कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं इसलिए उन्होंने तय किया है कि अब यह और नहीं चलेगा. ट्रंप ने कहा, "या तो शांति होगी या त्रासदी. अभी कई टारगेट बचे हैं. अगर शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम और अधिक सटीक हमलों के साथ अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे." इसके साथ ही ट्रंप ने बताया कि जो टारगेट चुने गए थे, वह सबसे कठिन थे. 
 

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