रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने तुर्की का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. एर्दोगन ने एक बार फिर दुनिया के सामने साबित कर दिया कि राजनीतिक रूप से वह अभी जिंदा हैं. रविवार के दूसरे दौर के चुनाव में, उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी केमल किलिकडारोग्लू के 47.86 प्रतिशत के मुकाबले 52.14 प्रतिशत वोट मिले. अब एर्दोगन 2028 तक राष्ट्रपति बने रहेंगे और तुर्क साम्राज्य के पतन के बाद गणतंत्र के रूप में तुर्की की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाएंगे.
इससे पहले राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने देश में दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनाव में रविवार को अपनी जीत का दावा किया. चुनाव के बाद अपनी पहली टिप्पणी में एर्दोगन ने इंस्ताबुल में अपने घर के बाहर प्रचार बस पर समर्थकों से बातचीत की. उन्होंने कहा, “मैं आगामी पांच वर्षों के लिए एक बार फिर से इस देश पर शासन करने की जिम्मेदारी सौंपने के वास्ते अपने राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य का शुक्रिया अदा करता हूं.” एर्दोगन ने अपने प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिचडारोहलू का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “बाय बया बया, कमाल. आज सिर्फ तुर्किये विजेता है.”
राष्ट्रपति एर्दोआन 52.14 फीसदी वोट मिले
तुर्की में कई समाचार एजेंसियों द्वारा जारी दूसरे दौर के राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े शुरुआती और अनाधिकारिक परिणामों से पता चलता है कि 98 फीसदी मतपत्रों की गिनती हो चुकी है और मौजूदा राष्ट्रपति एर्दोआन कुछ मतों के अंतर से निकटवर्ती प्रतिद्वंद्वी कमाल से आगे हैं. तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी ‘अनादोलू' ने दिखाया कि एर्दोआन को 52.14 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि कमाल को 47.86 प्रतिशत मत हासिल हुए हैं.
कुछ दिनों बाद तक आधिकारिक परिणाम घोषित नहीं...!
इस्तांबुल में एर्दोगन के समर्थकों ने अंतिम परिणाम घोषित होने से पहले ही जश्न मनाना शुरू कर दिया है. वे तुर्की या सत्तारूढ़ दल के झंडे लहरा रहे हैं और कारों के हॉर्न बजा रहे हैं. समाचार एजेंसियां अपने कर्मियों के जरिए आंकड़े जुटा रही हैं. तुर्किये का चुनावी बोर्ड मतगणना के दौरान राजनीतिक दलों को अपना डेटा भेजता है, लेकिन कुछ दिनों बाद तक आधिकारिक परिणाम घोषित नहीं करता है.
क्या होगाा चुनाव परिणाम का प्रभाव
चुनाव परिणाम का असर अंकारा से बाहर भी दिखेगा, क्योंकि तुर्की यूरोप और एशिया के बीच स्थित है और यह उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य है. इस बार के चुनावी नतीजे तय करेंगे कि लंबे समय से देश की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति एर्दोआन का निरंकुश शासन जारी रहेगा या फिर अधिक लोकतांत्रिक समाज बहाल करने का वादा करने वाले उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी कमाल सत्ता पर काबिज होंगे.
तुर्की के इतिहास में पहला राष्ट्रपति चुनाव, जिसमें दूसरे दौर का मतदान हुआ
देश में 14 मई को हुए पहले दौर के चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को सरकार गठन के लिए जरूरी बहुमत नहीं मिल पाया था. दूसरे दौर के चुनाव के लिए मतदान रविवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ. तुर्की में ‘एक्जिट पोल' (चुनाव बाद सर्वेक्षण) नहीं होते, लेकिन शाम पांच बजे मतदान संपन्न होने के कुछ ही घंटों के अंदर शुरुआती नतीजे सामने आने की उम्मीद की जा रही थी. इस चुनाव में छह करोड़ 40 लाख से अधिक मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए पात्र थे. इस्तांबुल में वोट डालने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि यह तुर्किये के इतिहास में पहला राष्ट्रपति चुनाव है, जिसमें दूसरे दौर का मतदान हुआ है.
74 वर्षीय पूर्व नौकरशाह कमाल ने दूसरे दौर के मतदान को देश के भविष्य के लिहाज से एक जनमतसंग्रह के रूप में वर्णित किया. एर्दोगन पिछले 20 साल से तुर्किये की सत्ता पर काबिज हैं. पहले दौर के मतदान में जीत के लिए आवश्यक बहुमत से कुछ अंतर से चूक गए थे. पहले चरण में एर्दोआन अपने प्रतिद्वंद्वी कमाल से चार प्रतिशत अंकों से आगे रहे थे. कमाल छह दलों के गठबंधन और मध्यमार्गी-वामपंथी मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार हैं.
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