सीरिया संकट पर मिलकर काम करेंगे तुर्की, लेबनान, एर्दोगन और मिकाती का ऐलान

मिकाती ने हाल के महीनों में इजरायल के साथ युद्ध के दौरान लेबनान को के समर्थन के लिए एर्दोगन को धन्यवाद दिया.

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तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगान.
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तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि तुर्की और लेबनान बशर अल-असद के पतन के बाद सीरियाई मुद्दों पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं. एर्दोआन ने बुधवार को लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सीरिया में एक नए युग की शुरुआत हो गई है. सीरिया के दो प्रमुख पड़ोसियों के रूप में, हम इस बात पर सहमत हैं कि हमें मिलकर काम करना चाहिए."

तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, "सीरिया की स्थिरता क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्धग्रस्त सीरिया का पुनर्निर्माण दोनों देशों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार एर्दोगान ने कहा कि लेबनान के खिलाफ इजरायली हमले कोई नई बात नहीं है और देश पिछले कुछ वर्षों में इसी तरह के हमलों का सामना कर चुका है. एर्दोगान ने कहा कि तुर्की इजरायल के हमलों के खिलाफ लेबनान के पक्ष में खड़ा रहेगा. उन्होंने इजरायल द्वारा युद्ध विराम समझौते के प्रति प्रतिबद्धता की जरूरत पर बल दिया.

मिकाती ने हाल के महीनों में इजरायल के साथ युद्ध के दौरान लेबनान को के समर्थन के लिए एर्दोगन को धन्यवाद दिया. उन्होंने सीरिया की राजनीतिक उथल-पुथल का फायदा उठाने और सीरियाई भूमि पर अपने कब्जे का विस्तार करने के लिए इजरायल की निंदा की, और इस बात पर जोर दिया कि इसे रोकने के लिए इजरायल पर दबाव डाला जाना चाहिए. लेबनानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मिकाती बुधवार को तुर्की पहुंचे, जहां उन्होंने एर्दोगन और तुर्की के अधिकारियों के साथ क्षेत्र में नवीनतम घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की.

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