Trump-Zelensky Meeting: जेलेंस्की नहीं, मैं हूं बॉस... ट्रंप ने फिर उड़ाया जेलेंस्की का मजाक, यूक्रेन के पीस प्लान को बताया जीरो

Ukraine 20-point Peace Plan: 28 दिसंबर को फ्लोरिडा में होने वाली ट्रंप-जेलेंस्की बैठक से पहले तनाव बढ़ गया है. ट्रंप ने कहा है कि बिना उनकी मंजूरी जेलेंस्की का 20-सूत्रीय शांति प्लान अधूरा है. जानें जपोरिजिया, डोनबास और सुरक्षा गारंटी पर क्या है नया अपडेट.

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ट्रंप का बड़ा बयान: बिना मेरी मंजूरी यूक्रेन के शांति प्लान की कोई वैल्यू नहीं; फ्लोरिडा में जेलेंस्की से कल होगी मुलाकात (फाइल फोटो)
IANS

World News in Hindi: रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में होने वाली हाई-प्रोफाइल बैठक से ठीक दो दिन पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) पर कड़ा दबाव बनाया है. 'पॉलिटिको' को दिए एक विशेष इंटरव्यू में ट्रंप ने स्पष्ट लहजे में कहा कि जेलेंस्की की किसी भी योजना या मांग की अहमियत तब तक शून्य है, जब तक उसे अमेरिकी राष्ट्रपति की हरी झंडी नहीं मिल जाती.

बैठक का एजेंडा: 20-सूत्रीय शांति योजना

फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में 28 दिसंबर को होने वाली इस ऐतिहासिक बैठक का मुख्य एजेंडा एक '20-सूत्रीय शांति योजना' है, जिसमें यूक्रेन भविष्य की सुरक्षा के लिए नाटो के 'आर्टिकल 5' जैसी मजबूत अमेरिकी गारंटी की मांग कर रहा है. इस शांति ढांचे के तहत युद्ध विराम लागू करने के लिए सीमाओं पर एक 'डिमिलिट्राइज्ड जोन' (असैन्य क्षेत्र) बनाने, रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जपोरिजिया परमाणु संयंत्र के प्रबंधन का अधिकार सौंपने और डोनबास जैसे विवादित क्षेत्रों पर क्षेत्रीय नियंत्रण व संभावित रियायतों पर निर्णायक बातचीत की जाएगी, ताकि लगभग चार साल से जारी इस संघर्ष का स्थायी समाधान निकल सके.

जेलेंस्की का 'प्लान' बनाम ट्रंप का 'अधिकार'

जेलेंस्की ने हाल ही में कहा था कि उनकी शांति योजना 90% तैयार है और वे अमेरिका के साथ सुरक्षा गारंटियों पर अंतिम मुहर चाहते हैं. हालांकि, ट्रंप के ताजा बयान ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका केवल एक 'सहयोगी' नहीं बल्कि 'निर्णायक' की भूमिका में है. ट्रंप ने कहा, 'जेलेंस्की के पास तब तक कुछ भी नहीं है, जब तक मैं उसे मंजूर नहीं करता. हम देखेंगे कि उनके पास क्या प्रस्ताव है.'

नए साल से पहले बड़े फैसले की उम्मीद

जेलेंस्की ने स्वीकार किया है कि यह केवल यूक्रेन और अमेरिका के बीच का मामला नहीं है. उन्होंने टेलीग्राम पर साझा किया कि इस शांति समझौते के चार प्रमुख स्तंभ हैं: यूक्रेन, अमेरिका, रूस और यूरोप. जेलेंस्की के मुताबिक, 'यह दस्तावेज रूस और यूरोप की सहमति के बिना प्रभावी नहीं हो सकता.' पिछले सप्ताह मियामी में हुई तीन दिवसीय त्रिपक्षीय वार्ता इसी पृष्ठभूमि को तैयार करने के लिए आयोजित की गई थी. यूक्रेनी राष्ट्रपति को उम्मीद है कि नए साल की शुरुआत से पहले कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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