क्या बंद कमरे में अकेले मिलेंगे ट्रंप-पुतिन या...? जानें शांति वार्ता में कौन होगा शामिल

नई दिल्ली में सियासी गलियारों से लेकर बाजारों तक, सबकी नजरें अलास्का पर टिकी हैं. अगर ट्रंप और पुतिन के बीच कोई जादुई डील हो जाती है तो माना जा रहा है कि भारत पर टैरिफ का दबाव कुछ कम होने की उम्मीद बनेगी.

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  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की अलास्का के एंकोरेज में महत्वपूर्ण बैठक होनी है
  • रूस की टीम में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं
  • अमेरिका की टीम में विदेश मंत्री रुबियो, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ भी मौजूद हैं
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दुनिया के दो दिग्गज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाई-वोल्टेज मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. लास्‍का के एंकोरेज शहर में होने जा रही ट्रंप-पुतिन की मुलाकात यूक्रेन के भविष्य के लिहाज से निर्णायक साबित हो सकती है, जो फरवरी 2022 से रूस के साथ युद्ध में फंसा है. सबसे बड़ा सवाल है कि ट्रंप और पुतिन की इस शांति वार्ता में कौन-कौन शामिल होगा? व्लादिमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच आज एक निजी बैठक होनी है. हालांकि दोनों देशों से कई लोग अलास्‍का पहुंच रहे हैं.

रूस

व्लादिमीर पुतिन को उनके खूंखार "मस्केटियर" बॉडीगार्ड्स के साथ-साथ मंत्रियों और अपने रूसी दोस्तों की एक बड़ी टीम साथ होगी. उनके निवेश दूत किरिल दिमित्रिव के अनुसार, रूसी दल में विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, क्रेमलिन के सहयोगी यूरी उशाकोव, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव, वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव और खुद दिमित्रिव शामिल हैं.

अमेरिका

अमेरिका के साथ डोनाल्‍ड ट्रंप के साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ है. अमेरिकी राष्‍ट्रपति के साथ विमान में कम से कम 16 महत्‍वपूर्ण लोगों के विमान में सवार हैं. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ ट्रंप के साथ यात्रा कर रहे हैं. इसके साथ ही वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट, विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट और सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ भी साथ जा रहे हैं.

वार्ता पर टिकी नई दिल्ली की नजरें

नई दिल्ली में सियासी गलियारों से लेकर बाजारों तक, सबकी नजरें अलास्का पर टिकी हैं. अगर ट्रंप और पुतिन के बीच कोई जादुई डील हो जाती है तो माना जा रहा है कि भारत पर टैरिफ का दबाव कुछ कम होने की उम्मीद बनेगी. लेकिन अगर बात बिगड़ गई तो ट्रंप भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.

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