नई दिल्ली:
मक्का-मदीना की जियारत हर मुसलमान का ख्वाब होता है. इस्लाम में पांच फर्ज बताए गए हैं और इनमें से एक हज है. यह एक ऐसी रूहानी यात्रा है, जो हर सच्चे मोमिन की दिली तमन्ना होती है. दुनिया भर से लाखों लोग हर साल हज के लिए रवाना होते हैं. आइए जानते हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम किन देशों से हज के लिए रवाना होते हैं और ऐसे कौनसे देश हैं जिन्हें हज का सबसे ज्यादा कोटा मिलता है. साथ ही जानते है कि इस फेहरिस्त में भारत कहां पर है.
सर्वाधिक हज कोटा वाले टॉप-10 देश
- इंडोनेशिया – 2,21,000 हज यात्री: दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया हैं. यहां के 23 करोड़ मुसलमानों में से लाखों हर साल हज की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन कोटा है 2 लाख 21 हजार. इतनी भारी डिमांड है कि कुछ लोगों को अपनी बारी के लिए 15 से 20 साल तक इंतजार करना पड़ता है. इंडोनेशिया की सरकार ने खास एयरपोर्ट टर्मिनल और ट्रेनिंग सेंटर बनाए हैं, जिससे हाजियों को हर सुविधा मिल सके.
- पाकिस्तान – 1,80,000 हज यात्री: पाकिस्तान में 22 करोड़ मुसलमान रहते हैं. हज के लिए पाकिस्तान की ओर से भी काफी तैयारी की जाती है. सरकारी मंत्रालय फ्लाइट से लेकर मक्का में रहने तक पूरा प्रबंधन करता है. अक्सर पाकिस्तानी हाजी ग्रुप में जाते हैं, जिससे एक-दूसरे का साथ मिल सके.
- भारत – 1,75,025 हज यात्री: भारत में 20 करोड़ से ज्यादा मुसलमान रहते हैं और यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है. हज कमेटी ऑफ इंडिया इस प्रक्रिया को संभालती है. कई बार कागज़ी कार्रवाई मुश्किल होती है, लेकिन सामुदायिक संगठन और संस्थाएं मदद में पीछे नहीं हटते हैं.
- बांग्लादेश – 1,27,198 हज यात्री: बांग्लादेश की 90% आबादी मुस्लिम है और यहां पर करीब 15 करोड़ लोग मुस्लिम हैं. यहां भी हज जाने के लिए डिमांड बहुत ही ज्यादा है. सरकार ने प्री-ट्रेनिंग, हेल्थ चेकअप और फाइनेंशियल प्लानिंग जैसी सुविधाएं शुरू की हैं.
- नाइजीरिया – 95,000 हज यात्री: अफ्रीका के सबसे बड़े मुस्लिम देश नाइजीरिया को 95 हज़ार का हज कोटा मिलता है. यहां राज्य स्तर पर कमेटियां बनती हैं जो हाजियों को धार्मिक ही नहीं, व्यावहारिक जानकारी भी देती हैं, जिनमें करेंसी एक्सचेंज, सेहत और संस्कृति से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं.
- ईरान – 87,550 हज यात्री: ईरान की मुस्लिम आबादी 8 करोड़ से ज्यादा है, जिसमें ज्यादातर शिया मुसलमान हैं. राजनीतिक तनावों के बावजूद, ईरान और सऊदी अरब हज को लेकर सहयोग करते हैं. यहां के हाजी कुछ धार्मिक परंपराओं पर बंदिशों के बावजूद आस्था से भरपूर सफर करते हैं.
- अल्जीरिया – 41,300 हज यात्री: 99% मुस्लिम आबादी वाले अल्जीरिया में हज व्यवस्था बेहद संगठित है. अरबी भाषा और सांस्कृतिक समानताओं के चलते यहां के हाजियों को सऊदी प्रशासन से संवाद में आसानी होती है.
- तुर्की – 37,770 हज यात्री: तुर्की का इतिहास इस्लामिक सभ्यता में बेहद अहम रहा है. यहां के हाजियों को प्रीमियम सुविधाएं मिलती हैं. इनमें चार्टर फ्लाइट्स, इंश्योरेंस और आरामदायक ठहराव जैसी सुविधाएं शामिल हैं.
- मिस्र – 35,375 हज यात्री: मिस्र में इस्लामिक पढ़ाई के लिए बेहद मशहूर अल-अजहर यूनिवर्सिटी है, वहां के हाजियों को अरबी बोलचाल का फायदा होता है. ये अक्सर दूसरे अरब मुल्कों के हाजियों की मदद भी करते हैं.
- सूडान – 32,000 हज यात्री: राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, सूडान के मुसलमान हज की ख्वाहिश पूरी करने में पीछे नहीं हटते. कई हाजी सालों तक पैसे बचाते हैं, कुछ समुदाय से मदद लेते हैं, लेकिन उनके इरादे मज़बूत होते हैं.
हज सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि खुदा से रूहानी मुलाकात का जरिया है. यह कोटा सिर्फ नंबर नहीं बल्कि उन लाखों दिलों की उम्मीदें हैं, जो अल्लाह के घर बुलावे के इंतजार में हैं.
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