अमेरिकी शहर टेक्सास (Texas) में गोलीबारी (shooting) की घटना सामने आई है, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है. यह घटना ऑस्टिन (Austin) में ग्रेट हिल्स ट्रायल एंड रैन क्रीक पार्कवे के चौराहे के पास स्थित शॉपिंग सेंटर (shopping centre) के पास हुई है. ऑस्टिन पुलिस विभाग का कहना है कि यह घरेलू विवाद का मामला लग रहा है और इससे आम जनता को कोई खतरा नहीं है. इससे पहले टेक्सास में ही 9 अप्रैल को एक कंपनी में गोलीबारी हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे. तब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने इस तरह की हिंसा को "महामारी" करार देते हुए संकट से निपटने की योजना पेश की थी.
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यह हमला पूर्वी टेक्सास के ब्रायन इलाके में हुआ था. पुलिस विभाग के मुताबिक, संदिग्ध को "हिरासत" में ले लिया गया था. अधिकारियों ने कहा था कि गोली चलाने वाला शख्स अलमारी बनाने वाली कंपनी का कर्मचारी है. इस हमले में एक अधिकारी भी घायल हो गया है. पुलिस चीफ एरिक बुस्के के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को दोपहर करीब 2.30 बजे केंट मूर कैबिनेट्स में हमले की सूचना मिली.
वहीं, अमेरिका के इंडियानापोलिस में स्थित ‘फेडएक्स' कंपनी के कैंपस में गोलीबारी की घटना में मारे गए भारतीय अमेरिकी मूल के लोगों के परिवार वालों ने नाराजगी जाहिर की है साथ पैदा हुए डर के बारे में भी बताया. बता दें कि गोलीबारी की इस घटना में सिख समुदाय के चार लोगों समेत आठ की मौत हो गई थी. मृतका अमरजीत जोहल की नातिन कोमल चौहान ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा, “बहुत हो चुका, हमारा समुदाय बहुत सदमा झेल चुका है.” उन्होंने कहा, “बेहद दुख से बताना पड़ रहा है कि इंडियानापीलोस में फेडएक्स परिसर में हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों में मेरी नानीजी अमरजीत कौर जोहल शामिल हैं.”
उन्होंने कहा कि उस परिसर में काम करने वाले उनके परिवार के अन्य कई सदस्य भी सदमे में हैं. चौहान ने कहा, “मेरी नानी और मेरे परिवार को काम करने की जगह पर या प्रार्थना करने के स्थान पर या कहीं भी असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए.”गोलीबारी में मारे गए जसविंदर सिंह को इस महीने वेतन मिलने वाला था और वह किसी काम से रात से ड्यूटी कर रहे थे. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के अनुसार सिंह के एक रिश्तेदार हरजाप सिंह ढिल्लों ने कहा, “वह बेहद साधारण व्यक्ति थे. वह प्रार्थना करते और ध्यान लगाते थे और सामुदायिक सेवा करते थे.”
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छः महीने पहले फेडएक्स में काम करना शुरू करने वाली अमरजीत सेखों की भी गोलीबारी में मौत हो गई। उनके परिवार में उनके दो किशोर बेटे हैं जो अभी अपनी मां की मौत के सदमे में हैं. सेखों की रिश्तेदार रिंपी गिरन ने कहा कि वह सेखों के बेटे को उसकी मां की मौत के बारे में समझाने की कोशिश कर रही हैं. खबर के अनुसार उन्होंने कहा, “उसे क्या बताएं हम तय नहीं कर पा रहे हैं. पिछली रात अचानक उसकी मां काम पर गई और वापस नहीं आई. कंपनी के परिसर में काम करने वाले सिख समुदाय के अन्य लोगों ने भी घटना पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया.