यूक्रेन पर हमले के बाद से ही दुनियाभर में रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. लेकिन बावजूद इसके रूस डिगने का नाम नहीं ले रहा है. अब भी रूस यूक्रेन में तेजी के साथ हमलों को अंजाम दे रहा है. यहां तक हालात में सुधार होने के बजाय स्थिति और गंभीर होती जा रही है. लेकिन अब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बढ़ाने के लिए विकल्प सीमित होने की संभावना ज्यादा नजर आ रही है.
ज्यादा प्रतिबंधों से रूकेगा रूस?
जी-7 के नेताओं ने हाल ही में रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की धमकी दी है. वहीं अमेरिकी राजनयिक एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अगर रूस ने हमला बंद नहीं किया तो और प्रतिबंध लगाएंगे. अमेरिका पहले ही यूरोपीय सहयोगियों के साथ, रूसी वित्तीय प्रणाली समेत वहां के बड़े कारोबिरियों के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान कर चुका है. जैसे कि महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और हवाई नाकाबंदी भी कर दी गई. साथ ही रूस को प्रमुख खेल प्रतियोगिताओ से बाहर कर दिया गया.
यूक्रेन में अमेरिका के पूर्व राजदूत विलियम टेलर ने कहा कि, "कुछ लोगों ने सोचा था इन प्रतिबंधों का खतरा "राष्ट्रपति पुतिन को रोकने के लिए पर्याप्त होगा, लेकिन ऐसा नहीं था. इसलिए यह मेरे लिए स्पष्ट नहीं है कि अतिरिक्त प्रतिबंध उसे वापस ले लेंगे. हालांकि अब तक, रूस के ऊर्जा क्षेत्र को इन प्रतिबंधों से अछूता रखा गया है. इस बीच कई अमेरिकी सांसद राष्ट्रपति बाइडेन से रूसी तेल के अमेरिकी आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह कर रहे हैं, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ने खारिज नहीं किया है.
इसके साथ ही कुछ पश्चिमी देशों ने उन बैंकों को लक्षित करने का ध्यान रखा है जो कम से कम हाइड्रोकार्बन क्षेत्र से जुड़े हैं. ब्लिंकन ने उन उपायों के खिलाफ चेतावनी दी जो वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को कम करेंगे और स्वचालित रूप से अमेरिकियों और यूरोपीय जनता के लिए पंप पर कीमत बढ़ाएंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि यह पश्चिम के "रणनीतिक हित" में बिल्कुल नहीं था, ऐसा लगता है कि समय के साथ मौजूदा प्रतिबंधों के प्रभाव पर अधिक दांव लगाया जा रहा है.
नो फ्लाई जोन घोषित करने से मिलेगी कितनी मदद
कीव और अन्य शहरों पर रूसी हवाई हमलों को सीमित दायरे तक सीमित करने के लिए, यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने नाटो से अपने देश पर नो-फ्लाई ज़ोन स्थापित करने की मांग की. लेकिन इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया गया. जिसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति भी नाटो से नाराज दिख रहे हैं. गठबंधन के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "नो फ्लाई ज़ोन को लागू करने का एकमात्र तरीका नाटो लड़ाकू विमानों को यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में भेजना है, और फिर रूसी विमानों को मारकर नो फ्लाई ज़ोन लागू करना है."
असल में उन्हें इस बात का डर है कि अगर ऐसा हुआ तो यूरोप में एक पूर्ण युद्ध शुरू हो सकता है, जिसमें जिसमें कई और देश शामिल हो सकते हैं, जो एक बहुत बड़ी त्रासदी होगी. परमाणु टकराव की आशंका को बढ़ाते हुए, कई विशेषज्ञ सोचते हैं कि यही कारण है कि अमेरिका और यूरोपीय इससे विचलित नहीं होंगे, जब तक कि संघर्ष यूक्रेन या किसी अन्य गैर-नाटो देशों तक ही सीमित रहता है.
पुतिन की हत्या की आशंका
अमेरिका के सीनियर सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि इस समस्या को केवल रूसी लोग ही ठीक कर सकते हैं. उनके हिसाब से रूस के किसी शख्स को व्लादिमीर पुतिन की हत्या करनी होगी. लिंडसे ग्राहम ने कहा कि यह कहना आसान, करना मुश्किल है. लेकिन अगर रूस के लोग अपनी पूरी जिंदगी को अंधकार में नहीं जीना चाहते और पूरी दुनिया से अलग-थलग नहीं होना चाहते तो उन्हें ऐसा करने की जरूरत है. हालांकि व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा, "हम किसी विदेशी देश के नेता की हत्या या शासन परिवर्तन की वकालत नहीं कर रहे हैं."
कूटनीति स्तर पर रूस की स्थिति?
राजनयिक चरप के अनुसार, बाइडन को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की तरह ही रहना चाहिए, ताकि वह पुतिन को पीछे हटने के लिए कोशिश कर सकें. उनके मुताबिक भले ही ये असंभव हो सकता है. लेकिन मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छी बात है जो हम अभी कर सकते हैं. पश्चिमी राजनयिक ने कहा कि चीन चीन पर्दे के पीछे पश्चिम की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकता है,
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