BBC पर दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला रेडियो ड्रामा कार्यक्रम "द आर्चर्स" The Archers", 71 साल का हो गया है.
बीबीसी का दुनिया में 42 भाषाओं में प्रसारण होता है. 1932 में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के लॉन्च के बाद से यह ब्रिटेन की सॉफ्ट पावर का अहम हिस्सा है.
यह हैं बीबीसी के जुड़े कुछ अहम आंकड़े
- नवंबर 1922 में बीबीसी (BBC) का बुलेटिन 2 बार जाना शुरू हुआ. एक बार यह सामान्य गति से जाता था, दूसरी बार यह धीमी गति से प्रसारित किया जाता था. श्रोताओं से अपनी पसंद बताने को कहा गया.
- जब 1923 में जब इसकी शुरुआत की गई तब इसकी लाइसेंस फीस 10 शीलिंग यानि करीब आधे पाउंड की थी. इसे टीवी सेट वाले हर घर को देना होता था जिससे बीबीसी को फंडिंग में मदद मिल सके. अब कंज़रवेटिव सरकार के ज़माने में यह 159 पाउंड है. कंज़रवेटिव सरकार का कहना है कि बीबीसी का फंडिंग मॉडल बदना चाहिए. वह इसे ख़त्म करने के बारे में विचार कर रही है.
- बीबीसी के इंटव्यूअर जेरेमी पैक्समैन ने ब्रिटेन के गृह मंत्री माइक हॉवर्ड से 12 बार मई 1997 में एक ही सवाल पूछा. यह सवाल जेल सेवा के प्रमुख की बात ना माने जाने जाने की धमकी से जुड़े विवाद पर था.
- द्वितीय विश्व युद्ध में प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने बीबीसी रेडियो पर 33 बार भाषण दिए.
- बीबीसी का दुनिया में 42 भाषाओं में प्रसारण होता है. 1932 में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के लॉन्च के बाद से यह ब्रिटेन की सॉफ्ट पावर का अहम हिस्सा है. इसे कई बार फंड की कमी हुई, अपने आउटपुट में कमी लानी पड़ी. डिजिटल- फर्स्ट मॉडल अपनाने के लिए चीनी, हिंदी, अरबी समेत 9 भाषाओं को रेडियो ब्रॉडकास्ट से हटाने का प्रस्ताव दिया गया.
- बीबीसी पर दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला रेडियो ड्रामा कार्यक्रम "द आर्चर्स" The Archers", 71 साल का हो गया है. यह गांव में कृषि समुदायों के बीच काफी लोकप्रिय है. यह एक काल्पनिक गांव एम्ब्रिज पर आधारित है, और यह द्वितिय विश्व युद्ध के बाद कृषि उत्पादन बढ़ाने केलिए बनाया गया था. तब से यह ब्रिटिश संस्कृति का अहम हिस्सा बन गया है. इसकी स्टोरीलाइन में समाज में हो रहे बदलावों को भी शामिल किया गया.
- बीबीसी के फ्रेंच भाषा के रेडियो स्टेशन प्रेज़ेंटर फ्रेंक बाउर ने 517 बार नाजी शासन के आधीन आ गए फ्रांस को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लंदन से संबोधित किया. .
- ओपन यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वाले 20 लाख लोगों ने ओपन यूनिवर्सिटी को धन्यवाद दिया जो 1970 के दशक की शुरुआत से ही बीबीसी के साथ काम कर रही थी. इससे बीबीसी के माध्यम से घर पर ही पढ़ाई करना संभव हो पाया. अब इसकी अधिकतर सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध है.
- साल 1953 में जब महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय की ताजपोशी हुई तब 2 करोड़ 10 लाख लोगों ने इसे बीबीसी टीवी पर देखा. यह टीवी पर प्रसारित किया गया पहला बड़ा कार्यक्रम था.
- जब महारानी एलिज़ाबेथ के ताबूत को लंदन की सड़कों से उनके अंतिम संस्कार के बाद वेस्टमिंस्टर एबे ले जाया जा रहा था तब 19 सितंबर को दो करोड़ 24 लाख लोगों ने बीबीसी का प्रसारण देखा. ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक रहने वाली शासक की 96 साल की उम्र में 8 सितंबर को मृत्यु हो गई थी.
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