अलास्का में मिलेंगे पुतिन और ट्रंप, यूक्रेन युद्ध पर होगी बात
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- ट्रंप और पुतिन अलास्का में यूक्रेन युद्ध पर पहली बार आमने-सामने चर्चा करेंगे.
- रूस की मांग है कि यूक्रेन नाटो सदस्यता छोड़ें और रूस समर्थित क्षेत्रों से सैनिक वापस लें.
- यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की इस बैठक में शामिल नहीं होंगे. इसकी जानकारी वो पहले ही दे चुके हैं.
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हमें बताएं।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार (आज) को अलास्का में मिलने वाले हैं. बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात अमेरिकी हवाई अड्डे पर होगी. इस मुलाकात के दौरान खास तौर पर रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर बातचीत होनी है. बीते चार सालों में ट्रंप और पुतिन के बीच इस तरह की यह पहली मुलाकात है. लिहाजा इससे उम्मीदें भी काफी ज्यादा हैं.
यूक्रेन को इस बैठक से क्या है उम्मीदें
- यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की इस शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा है कि उनकी भागीदारी के बिना कोई शांति समझौता नहीं हो सकता है. उन्होंने इस मुलाकात को पुतिन के लिए ''व्यक्तिगत जीत'' बताया है.
- यूक्रेन ने शांति वार्ता की शर्त के रूप में जमीन, समुद्र और आकाश पर बिना शर्त युद्धविराम की बात कही है.
- यूक्रेन चाहता है कि दोनों पक्ष सभी युद्धबंदियों को रिहा कर दें. साथ ही यूक्रेन ने सभी यूक्रेनी बच्चों की वापसी की भी मांग की है. यूक्रेन का आरोप है कि रूस ने इन बच्चों को अवैध रूप से कैद किया हुआ है.
- यूक्रेन का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद से रूस ने हजारों यूक्रेनी बच्चों को जबरन अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में ट्रांसफर कर दिया है. अक्सर उन्हें रूसी परिवारों में अपनाया जाता है और उन्हें रूसी नागरिकता प्रदान की जाती है.
- हालांकि, रूस अपहरण के आरोपों को खारिज करता है लेकिन स्वीकार करता है कि हजारों बच्चे उसके क्षेत्र में हैं.
- यूक्रेन का कहना है कि किसी भी सौदे में रूस को दोबारा हमला करने से रोकने के लिए सुरक्षा गारंटी शामिल होनी चाहिए और उसके क्षेत्र में तैनात किए जाने वाले सैनिकों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए.
- इसमें कहा गया है कि रूस पर प्रतिबंध धीरे-धीरे ही हटाए जा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से लागू करने का एक तरीका होना चाहिए.
अमेरिका को क्या होगा फायदा?
- आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने वादा किया था कि वह जनवरी में पदभार संभालने के बाद "24 घंटों" के भीतर युद्ध समाप्त कर देंगे. लेकिन आठ महीने बाद, और पुतिन के बार-बार फोन करने और अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ़ की रूस की कई यात्राओं के बाद भी, वह क्रेमलिन से कोई बड़ी रियायत लेने में असफल रहे हैं.
- शिखर सम्मेलन व्यक्तिगत रूप से कोई सौदा करने का उनका पहला अवसर है.
- "ट्रम्प: द आर्ट ऑफ द डील" पुस्तक के लेखक अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि अगर रूस ने अपना आक्रमण नहीं रोका तो उसे "बहुत गंभीर परिणाम" भुगतने होंगे.
- ट्रंप ने शुरू में कहा था कि वार्ता में कुछ "भूमि अदला-बदली" होगी, लेकिन बुधवार को यूरोपीय नेताओं से बात करने के बाद वह पीछे हटते दिखे.
- ट्रंप ने कहा है कि वह "बहुत जल्दी युद्धविराम देखना चाहेंगे".
- लेकिन व्हाइट हाउस ने इसे पूर्व रियलिटी टीवी स्टार के लिए "सुनने का अभ्यास" बताते हुए किसी सफलता की उम्मीदों को कम कर दिया है.
- ट्रंप ने कहा कि अगर पहला ठीक रहा, तो हम जल्द ही दूसरा सम्मेलन बुलाएंगे. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ज़ेलेंस्की अगले शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं.
इस बैठक पर यूरोप की भी है नजर
- यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान करने और लाखों यूक्रेनी शरणार्थियों की मेजबानी करने के बावजूद, यूरोपीय नेताओं को शांति वार्ता से अलग रखा गया है, जो भविष्य में क्षेत्र की सुरक्षा वास्तुकला को प्रभावित कर सकता है.
- यूरोपीय प्रतिनिधियों को न तो इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच पिछली तीन बैठकों में आमंत्रित किया गया था, न ही फरवरी में रियाद में रूस-अमेरिका वार्ता में.
- पिछले हफ्ते एक बयान में, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, पोलैंड, फिनलैंड और यूरोपीय संघ आयोग के नेताओं ने चेतावनी दी थी कि यूक्रेन की भागीदारी के बिना कोई सार्थक शांति नहीं हो सकती.
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने बीते बुधवार को ट्रंप के साथ बात करने के बाद कहा था कि यूक्रेन से संबंधित क्षेत्रीय प्रश्नों पर केवल यूक्रेनी राष्ट्रपति द्वारा बातचीत की जा सकती है और की जाएगी.
- मैक्रॉन और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर ने संकेत दिया है कि वे लड़ाई समाप्त होने के बाद यूक्रेन में शांति सैनिकों को तैनात करने के इच्छुक हैं, इस विचार को रूस ने सख्ती से खारिज कर दिया है.
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