अमेरिका की एक कंपनी में प्रमोशन पाने के लिए कर्मचारी के यौन उत्पीड़न (Sexual Exploitation) के आरोप सामने आए हैं. वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, पांडा एक्सप्रेस (Panda Express) के एक कर्मचारी को प्रमोशन पाने के लिए मजबूरन एक सेमिनार में शामिल होने को कहा गया और वहां उसे सहयोगी कर्मचारियों के सामने कपड़े उतारने पड़े. यहीं नहीं ऐसी ही हालत में उसे दूसरे सहकर्मी को गले लगाने को भी कहा गया.
उसकी मूल कंपनी पांडा रेस्तरां ग्रुप (Panda Restaurant Group ) के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि उसने इन आरोपों को बेहद गंभीरता से लिया है और मामले की जांच की जा रही है. खबरों के मुताबिक, पांडा एक्सप्रेस की कैशियर 2019 में हुए एक सेमिनार में अंतःवस्त्र निकालने को कहा गया. उसे सबके सामने अपनी कठिनाइयों के बारे में बताने को कहा गया. एक पुरुष सहकर्मी भी जब ऐसा करते हुए रो पड़ा तो उस सेमिनार के सेशन के लीडर्स ने निर्वस्त्र महिला और पुरुष को एक-दूसरे को गले लगाने को कहा. इस दौरान दूसरे सहकर्मी वीडियो बनाते रहे.
कंपनी के खिलाफ अदालत में मुकदमा ठोकने वाली 23 साल की पीड़िता ने अपनी यह दुखभरी दास्तां सुनाई है.लास एंजिलिस काउंटी सुपीरियर कोर्ट में फास्ट फूड चेन के खिलाफ पिछले माह दाखिल शिकायत में पीड़िता ने कहा कि उसे चार दिन के सेमिनार में ऐसे ही अजीबोगरीब और मानसिक उत्पीड़न वाले वाकयों से गुजरना पड़ा था. याचिका में उसने कहा है कि ऐसे सेमिनार को भरोसा कायम करने की कवायद बताया गया. लेकिन यह उल्टा ही निकला.
पीड़िता के वकील ऑस्कर रेमिरेज ने वाशिंगटन पोस्ट (Washington Post) को बताया कि कंपनी के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के लिए कर्मचारियों को अमानवीय गतिविधियों का सामना करना पड़ा. वहीं पांडा रेस्टोरेंट ग्रुप ने कहा कि हम ऐसे घटनाओं का कतई समर्थन नहीं करते. हम कर्मचारियों के लिए कामकाज के सुरक्षित माहौल को कायम करने में यकीन करते हैं. कंपनी ने एलाइव सेमिनार्स (Alive Seminars) एंड कोचिंग एकेडमी से किसी भी प्रकार के रिश्ते होने से इनकार किया है.
शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि उसकी महिला मैनेजर ने कहा था कि उसे प्रमोशन के लिए तभी विचार किया जाएगा, जब वह उस सेमिनार में हिस्सा लेने को राजी होगी. उसे सेमिनार के लिए सैकड़ों डॉलर की फीस चुकानी पड़ी. लेकिन सेमिनार शुरू होते ही उसका फोन छीन लिया गया. उसे पूरी तरह अंधेरे वाले एक कमरे में रखा गया. उसका आरोप था कि सेमिनार का माहौल किसी संदिग्ध आतंकी से पूछताछ करने के लिए की कई गई कवायद जैसा था.