शिव मंदिर के लिए जंग... थाईलैंड-कंबोडिया में बौद्ध विरासत हो रही खाक! जानिए ताजा हालात?

थाइलैंड जो खुद भी एक बौद्ध आबादी वाला देश है, उसने कंबोडिया में बौद्ध मंदिरों को निशाना बनाया है.

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  • कंबोडिया और थाईलैंड के बीच 900 साल पुराने भगवान शिव के मंदिर को लेकर सीमा विवाद और झड़पें चल रही हैं.
  • थाईलैंड की सेना ने कंबोडिया में बौद्ध मंदिरों को निशाना बनाया, जिससे सांस्कृतिक विरासत को नुकसान हुआ है.
  • थाइलैंड में 12 लोगों की मौत हो गई है और 31 घायल हैं. हजारों लोग सीमा के पास के इलाकों से विस्थापित हो गए हैं.
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कंबोडिया और थाईलैंड इस समय आमने-सामने हैं और दोनों देशों के संघर्ष के बीच हैं मंदिर. 900 साल पुराना भगवान शिव का मंदिर जो कंबोडिया के प्रीह विहिर में डांगरेक पहाड़ों में 525 मीटर ऊंची चट्टान पर स्थित है. खमेर साम्राज्य के दौरान निर्मित, यह मंदिर न सिर्फ कंबोडिया बल्कि उनके पड़ोसी थाइलैंड के लिए भी एक महत्‍वपूर्ण धार्मिक स्‍थल है.  पश्चिम में करीब 95 किलोमीटर दूर, 12वीं शताब्दी का शिव मंदिर तो ता मुएन थॉम मंदिर स्थित है. अंगकोर वाट की लोकप्रियता के कारण इस जगह पर स्थित मंदिरों का आकर्षण काफी हद तक फीका पड़ गया लेकिन फिर भी यह जगह आधी सदी से भी ज्‍यादा समय से दोनों देशों के बीच संघर्ष का केंद्र रही है. लेकिन अब इस संघर्ष का असर कंबोडिया के बौद्ध मंदिरों पर भी पड़ने लगा है. 

कंबोडिया में बौद्ध मंदिर तबाह 

हैरानी की बात है थाइलैंड जो खुद भी एक बौद्ध आबादी वाला देश है, उसने कंबोडिया में बौद्ध मंदिरों को निशाना बनाया है.  थाइलैंड की सेना ने कंबोडिया के उन बौद्ध मंदिरों को निशाना बनाया है जिन्‍हें यूनेस्को ने हैरिटेज साइट्स घोषित किया हुआ है. देश के संस्कृति एवं ललित कला मंत्रालय ने एक बयान में इन हमलों को अंतरराष्‍ट्रीय कानून का गंभीर और अस्वीकार्य उल्लंघन करार दिया है. साथ ही सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के कानूनी दायित्वों की घोर अवहेलना भी बताया है. कंबोडिया ने थाईलैंड की सेना की तरफ से किए गए इस आक्रामकतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा की है.

थाइलैंड सेना के हमले में तबाह कंबोडिया का बौद्ध मंदिर

अब तक कितनों की मौत 

मंत्रालय ने बताया है कि हमलों से मंदिर के आसपास के क्षेत्र और संरचनाओं दोनों को काफी नुकसान हुआ है. कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि थाई एफ-16 फाइटर जेट्स ने 11वीं शताब्दी के मंदिर के पास एक सड़क पर दो बम गिराए हैं. गुरुवार तक के जो आंकड़ें आए हैं जिन्‍हें थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया है, उसके अनुसार कंबोडियाई सैनिकों के साथ झड़पों में थाईलैंड के 11 नागरिकों और एक सैनिक समेत 12 लोगों की मौत हो गई है. जबकि 24 नागरिकों और सात सैनिकों समेत 31 लोग घायल हैं. कंबोडिया के अधिकारियों ने शुक्रवार को पहली मौत की पुष्टि की है. 

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कंबोडिया ने आखिरी बार साल 2022 में देश में मौजूद बौद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी सार्वजनिक थी. देश के धर्म मंत्रालय की तरफ से तब बताया गया था कि देश में वर्तमान में 5,104 बौद्ध बौद्ध मंदिर(पैगोडा) हैं जिनमें 70,905 भिक्षु मौजूद हैं. 

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कंबोडिया में तबाह यूनेस्‍को की हैरिटेज साइट वाला बौद्ध मंदिर

हजारों लोग विस्‍थापित 

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर जारी लड़ाई के दौरान कई हजार लोगों ने शरण ली है. थाइलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 58,000 से ज्‍यादा लोग चार प्रभावित थाई सीमावर्ती प्रांतों के गांवों से अस्थायी आश्रयों में चले गए हैं. जबकि कंबोडियाई अधिकारियों ने कहा है कि 4,000 से ज्‍यादा लोग सीमा के पास के इलाकों से पलायन कर गए हैं. बुधवार को सीमा पर एक बारूदी सुरंग विस्फोट में पांच थाई सैनिकों के घायल होने के बाद एक विवादित सीमा क्षेत्र को लेकर तनाव लड़ाई में बदल गया. थाई सेना ने शुक्रवार तड़के कई इलाकों में झड़पों की सूचना दी, जिनमें थाईलैंड के उबोन रत्चथानी प्रांत में चोंग बोक और फु मखुएआ की सीमा, सुरिन प्रांत में फानोम डोंग राक और प्राचीन ता मुएन थॉम मंदिर के पास झड़पें शामिल हैं. बॉर्डर के करीब सुबह से ही तोपखाने की आवाजें सुनाई दे रही थीं. 

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रॉकेट लॉन्‍चर तक का प्रयोग 

थाई सेना ने कहा कि कंबोडिया की सेनाओं ने तोप और रूस में बने बीएम-21 रॉकेट लॉन्चरों का प्रयोग किया है. इसके जवाब में थाई अधिकारियों ने उचित गोलाबारी की. ओड्डार मींचे प्रांत में कंबोडिया के मुख्य अधिकारी जनरल खोव ली ने कहा कि गुरुवार को एक व्यक्ति की तुरंत मौत हो गई जब एक थाई रॉकेट एक बौद्ध शिवालय पर गिरा, जहां वह छिपा हुआ था.  गुरुवार को हुई लड़ाई में कम से कम चार नागरिक घायल भी हुए. थाईलैंड की सेना ने शुक्रवार को कंबोडिया में नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने से इनकार किया और कंबोडिया पर रिहायशी इलाकों के पास हथियार तैनात करके इंसानों को ढाल के तौर पर प्रयोग करने का आरोप लगाया है. 

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दोनों देशों के बीच जंग में हजारों लोग विस्‍थापित

बॉर्डर मुश्किल में जनता 

हजारों लोग सीमा के पास के गांवों से भाग रहे हैं. जैसे-जैसे लड़ाई तेज हुई, दोनों तरफ के ग्रामीण गोलीबारी में फंस गए, जिससे कई लोग भाग गए. लगभग 600 लोगों ने सीमा से करसीब 80 किलोमीटर दूर थाईलैंड के सुरिन में एक यूनिवर्सिटी में जिम में शरण ली. निकाले गए लोग समूहों में चटाई और कंबल पर बैठे थे और खाने-पीने की चीजों के लिए कतार में खड़े थे. एक और विस्थापित, रत्ताना मीयिंग ने कहा कि वह भी 2011 में दोनों देशों के बीच हुई झड़पों से गुजरी हैं लेकिन इस बार की झड़प को और भी बदतर बताया. सीमा पार कंबोडिया में, ओद्दार मींचे प्रांत के बाहरी इलाके के गांव ज्‍यादातर वीरान थे। घरों में ताले लगे थे, जबकि मुर्गियां और कुत्ते बाहर घूम रहे थे. 

भारत ने जारी की एडवाइजरी 

दूसरी ओर भारत ने शुक्रवार को थाईलैंड में अपने नागरिकों को सावधानी बरतने को कहा है. भारत ने विवादित सीमा पर थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच हुई झड़पों से पैदा हुई स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए और सात प्रांतों की यात्रा करने से बचने की सलाह दी है. थाई राजधानी स्थित भारतीय दूतावास ने सभी भारतीय यात्रियों से आग्रह किया है कि वे अशांत क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों पर जाने से पहले देश के अधिकारियों से अपडेट जरूर हासिल करें. थाई और कंबोडियाई सैनिकों के बीच लड़ाई गुरुवार को शुरू हुई है.  थाईलैंड भारतीय टूरिस्‍ट्स के लिए एक पॉपुलर डेस्टिनेशन है दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र थाईलैंड और भारत के बीच 400 से अधिक साप्ताहिक उड़ानों के साथ 15 से अधिक भारतीय शहरों से सीधा संपर्क रखता है. 

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