आतंकवादियों से लेकर भगोड़ों तक... 5 अपराधी जिन्हें भारत लाने कोशिश है जारी

अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी क्योंकि उसने अपनी सजा के खिलाफ आतंकी अपराधी की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया.

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नई दिल्ली:

2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में दोषी ठहराए गए तहव्वुर हुसैन राणा ने भारत को प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए अमेरिका में अपना आखिरी कानूनी विकल्प खो दिया है. अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी क्योंकि उसने अपनी सजा के खिलाफ आतंकी अपराधी की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया. इससे भारत के लिए आतंकी सरगना को प्रत्यर्पित करने और उसे न्याय के कटघरे में लाने का रास्ता साफ हो गया है.

बता दें कि राणा के अलावा, भारत कई अन्य अपराधियों को वापस लाने की कोशिश कर रहा है जो कानून से बचने के लिए अपने देश में भगोड़े बन गए थे. सरकार ने पिछले महीने कहा था कि सभी भगोड़ों में से एक तिहाई अमेरिका में छिपे हुए हैं, जो अपराधियों और आतंकवादियों के लिए "सुरक्षित पनाहगाह" बन गया है.

विदेशों में ये पांच भगोड़े छिपे बैठे हैं, जिन्हें भारत वापस लाने की कोशिश कर रहा है- 

तहव्वुर हुसैन राणा

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए वॉन्टिड हैं, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे. पाकिस्तानी सेना में सेवा दे चुके एक पूर्व सैन्य चिकित्सक को 2008 के हमलों की पहले से जानकारी थी. उसे 2009 में डेनमार्क में एक आतंकी साजिश के लिए गिरफ्तार किया गया था. इस मामले के अलावा, उसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT) को भौतिक सहायता देने का दोषी ठहराया गया है. ताजा अपडेट में, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भारत को उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है.

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अर्श दल्ला

खालिस्तानी आतंकवादी अर्शदीप सिंह गिल उर्फ ​​अर्श दल्ला कनाडा में रहता है और वो प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का नेता है. वह हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों के 50 से अधिक मामलों में भारत में वॉन्टिड है. जनवरी, 2004 में उसे "आतंकवादी" घोषित किया गया था. सूत्रों के मुताबिक़ वह पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई के संपर्क में रहा है. दल्ला को पिछले साल अक्टूबर में एक हमले में घायल होने के बाद गिरफ्तार किया गया था. तब से, भारत उसे प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे दिसंबर में जमानत मिल गई थी.

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अनमोल बिश्नोई

अनमोल बिश्नोई लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है, जो गुजरात की जेल से खूंखार बिश्नोई गिरोह चलाता है. वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्याओं समेत कई हाई-प्रोफाइल मामलों में भारत में वॉन्टिड है. अनमोल को पिछले साल नवंबर में अमेरिका में बिना वैध दस्तावेजों के देश में घुसने के लिए गिरफ्तार किया गया था. खुफिया सूत्रों ने संकेत दिया था कि दिल्ली से हिरासत के अनुरोध के बावजूद उसे इतनी जल्दी प्रत्यर्पित किए जाने की कोई संभावना नहीं है.

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विजय माल्या

शराब कारोबारी विजय माल्या 2016 में भारत छोड़कर चले गए थे. वह  9,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण चूक मामले का सामना कर रहे हैं. वर्तमान में वह यूके में हैं. अपनी अब बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के पतन के बाद धोखाधड़ी के लिए वह भारत में वॉन्टिंड हैं. उन्हें 2019 में भगोड़ा घोषित किया गया था. भारत, माल्या की हिरासत के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहा है, जिसके जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है. घर वापस, सीबीआई अदालत ने पिछले साल 180 करोड़ रुपये के एक अलग ऋण चूक मामले में उनके खिलाफ एक नया गैर-जमानती वारंट जारी किया था.

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नीरव मोदी

हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी 14,000 करोड़ रुपये के पीएनबी लोन धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हैं. इन दोनों पर बैंक अधिकारियों के साथ कथित सांठगांठ को लेकर जांच की जा रही है. नीरव मोदी 2018 में देश छोड़कर भाग गया था और उसी साल उसे लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था. अब वह ब्रिटेन की जेल में बंद है और अब तक भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी सभी याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं. मेहुल चोकसी अब एंटीगुआ में है.

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