सेना प्रमुख असीम मुनीर के मौन समर्थन से पाकिस्तान में आतंकी भर्ती और रैलियां फिर से शुरू

एनडीटीवी के सूत्रों और तस्वीरों से पुष्टि होती है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन, खासकर जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल्लाह मुजाहिद्दीन, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रणनीति के तहत अपने कैंप ट्रांसफर कर रहे हैं.

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  • पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों को जनरल असीम मुनीर की देखरेख में खुलकर फंडिंग और सुरक्षा प्रदान की जा रही है.
  • एबटाबाद के गढ़ी दलोला में जैश-ए-मोहम्मद की विशाल रैली पाकिस्तानी सुरक्षा तंत्र के समर्थन से आयोजित की गई थी.
  • जैश-ए-मोहम्मद ने प्रतिबंधों से बचने के लिए अपना नाम बदलकर पेशावर में नई रैली आयोजित करने की योजना बनाई है.
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आतंकवाद एक बार फिर सिर उठा रहा है. असीम मुनीर की सरपरस्ती में पाकिस्तान आतंकवादियों को जमकर फिर फंडिंग करने लगा है. उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है.  एनडीटीवी को एबटाबाद के गढ़ी दलोला से एक वीडियो फुटेज मिला है, जिसमें पिछले हफ़्ते जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की एक विशाल रैली खुलेआम आयोजित की गई थी, जिसे पाकिस्तानी सुरक्षा तंत्र का स्पष्ट समर्थन प्राप्त था.

इस रैली का नेतृत्व मौलाना काज़ी शफीक-उर-रहमान कुरैशी और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई) के नेता शौकत अली अब्बासी ने किया था. बाद में, सभा में मौजूद भीड़ ने मारे गए आतंकवादी कमांडर इलियास कश्मीरी के नाम से भड़काऊ नारे लगाए.

पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं का सार्वजनिक रूप से फिर से शुरू होना पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ एक मौन समझौते की ओर इशारा करता है, जिससे आतंकवादी समूहों पर अंकुश लगाने की इस्लामाबाद की प्रतिबद्धता पर चिंताजनक सवाल उठते हैं.

पीओके की जगह अब सेंटर 

एनडीटीवी के सूत्रों और तस्वीरों से पुष्टि होती है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन, खासकर जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल्लाह मुजाहिद्दीन, पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रणनीति के तहत अपने कैंप ट्रांसफर कर रहे हैं. आतंकवादियों को पाकिस्तान सुरक्षित पनाह के रूप में मानसेहरा भेज रहा है. मानसेहरा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के हजारा डिवीजन में स्थित है. खैबर पख्तूनख्वा के ही लोअर डीआईआर में हिज़्बुल एक नया ट्रेंनिंग कैंप बना रहा है. इसका नाम HM 313 है.

जैश-ए-मोहम्मद ने बदला नाम

एनडीटीवी को एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी आतंकी समूह, खासकर जैश-ए-मोहम्मद, अब खैबर पख्तूनवा के पेशावर में एक विशाल रैली करने जा रहा है. 25 सितंबर को यह अल मरीबेथुन के नेतृत्व में ये रैली होगी. ये जैश-ए-मोहम्मद का नया नाम है, एक नया गढ़ा हुआ नाम. जैश-ए-मोहम्मद पर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने बहुत लंबे समय से प्रतिबंध लगा रखा है और इसीलिए आगे किसी भी तरह के प्रतिबंधों से बचने के लिए यह नाम बदला गया है.

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