रूस के दागिस्तान प्रांत में 2 आतंकी हमले हुए हैं. रूस के डेरबेंट और मखाचकाला में ये हमले हुए हैं. डरबेंट में एक चर्च में यहूदी आरधना गृह में हमले के बाद आग लगने की भी खबर है. जानकारी के मुताबिक इस हमले में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इस घटना में चर्च के पादरी की भी मारे जाने की खबर सामने आ रही है. इस आतंकी हमले में 12 लोग घायल हो गए हैं. इस हमले में 15 पुलिसकर्मियों के मारे जाने की जानकारी भी सामने आ रही है.
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, दागिस्तान गणराज्य के लिए रूसी जांच समिति के जांच निदेशालय ने कहा कि उसने रूसी संघ के आपराधिक संहिता के तहत हमलों की "आतंकवादी जांच" शुरू की है. डेरबेंट और मखाचकाला शहरों में चर्चों, आराधनालयों और पुलिस यातायात स्टॉप पर हमले की खबरें मिली हैं. बता दें ये दोनों शहर 120 किलोमीटर (75 मील) की दूरी पर स्थित हैं.
जांच निदेशालय ने अपने बयान में कहा, "घटना की सभी परिस्थितियों और आतंकवादी हमलों में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है." स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक हमले में 7 कानून प्रवर्तन अधिकारी, एक पादरी और चर्च सुरक्षा गार्ड शामिल है. रूसी समाचार एजेंसी TASS के मुताबिक इस आतंकी हमले में चार "आतंकवादी" भी मारे गए हैं.
दागिस्तान लोक निगरानी आयोग के अध्यक्ष शमील खदुलेव ने कहा, "मुझे जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके मुताबिक फादर निकोले की डरबेंट के चर्च में हत्या की गई है, उनका गला रेत कर हत्या की गई है और वह 66 वर्ष के थे और बहुत बीमार थे."
TASS ने दागिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के हवाले से बताया कि मखाचकाला के एक चर्च में गोलीबारी के दौरान 19 लोगों ने सुरक्षा के लिए खुद को कमरे में बंद कर लिया, जिसमें कम से कम एक हमलावर मारा गया. इस बीच, डरबेंट में एक आराधनालय में आग लगा दी गई.
दागिस्तान गणराज्य के प्रमुख सर्गेई मेलिकोव ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी किया है. बयान में उन्होंने कहा कि "अज्ञात व्यक्तियों ने सामाजिक स्थिति को अस्थिर करने का प्रयास किया. दागिस्तान के पुलिस अधिकारी उनके रास्ते में खड़े थे. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उनमें पीड़ित भी शामिल हैं."
मेलिकोव ने कहा कि हमलावरों की पहचान की जा रही है और एक ऑपरेशनल मुख्यालय बनाया गया है तथा जवाबी ऑपरेशन "इंटरसेप्शन" की योजना पर काम किया जा रहा है. लोगों से शांत रहने का आह्वान करते हुए सर्गेई मेलिकोव ने कहा, "घबराहट और डर ही वह चीज है जिसकी उन्हें उम्मीद थी... उन्हें दागिस्तानियों से यह नहीं मिलेगा!" इजरायली विदेश मंत्रालय ने इसे दो सभास्थलों पर "संयुक्त हमला" करार दिया.