शेख हसीना पर फैसले से पहले ढाका में तनाव चरम पर, हिंसक प्रदर्शनकारियों को गोली मारने के आदेश

बांग्‍लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में एक विशेष ट्रिब्‍यूनल का आज फैसला आने वाला है. इसे लेकर ढाका में सुरक्षा व्‍यवस्‍था कड़ी है और हिंसक प्रदर्शनकारियों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.

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  • बांग्लादेश की अपदस्थ PM शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में आज फैसला आएगा.
  • हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर बॉर्डर गार्ड और सेना की तैनाती की गई है और पुलिस को गोली चलाने का आदेश है.
  • ICT-BD के प्रोसिक्‍यूटर गाजी एमएच तमीम ने कहा कि हमने हसीना के लिए अधिकतम संभव सजा की मांग की है.
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ढाका:

बांग्लादेश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है. अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में एक विशेष ट्रिब्‍यूनल का फैसला आने से पहले अभियोजन पक्ष ने रविवार को उनके लिए मृत्युदंड की सजा दोहराई. आज बांग्लादेश का इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्‍यूनल (Bangladesh's International Crimes Tribunal) 78 वर्षीय हसीना के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में चल रहे मुकदमे में फैसला सुनाएगा. 

ICT-BD के प्रोसिक्‍यूटर गाजी एमएच तमीम ने कहा, "हमने हसीना के लिए अधिकतम संभव सजा की मांग की है. इसके अतिरिक्त हमने दोषियों की संपत्ति जब्त करने का अनुरोध किया है, जिससे उसे शहीदों और घायलों (पिछले साल के हिंसक सड़क विरोध प्रदर्शन) के परिवारों में वितरित किया जा सके."

अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए तैयारी पूरी

तमीम ने कहा कि ICT-BD कानून शेख हसीना को सर्वोच्च न्यायालय के शीर्ष अपीलीय खंड में फैसले को चुनौती देने से तब तक रोक देगा जब तक कि वह आत्मसमर्पण न कर दें या फैसले के बाद के 30 दिनों में गिरफ्तार न कर ली जाएं. इस मामले में आने वाले फैसले से जुड़ी आगजनी और देसी बम विस्फोट जैसी हिंसक घटनाओं के बाद ढाका सहित चार जिलों में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (Border Guard Bangladesh) के जवानों को तैनात किया गया है. 

सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संस्था (Bangladesh Sangbad Sangstha) ने गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के हवाले से कहा, "देश भर में अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपनी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं."

प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश 

बीजीबी की तैनाती के अलावा ढाका में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है. आज आने वाले फैसले से पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर तनाव बढ़ गया है. 

स्थानीय अखबारों ने ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) कमिश्नर एसएम सजात अली के हवाले से कहा, "मैंने वायरलेस पर कहा था कि जो कोई भी बस में आग लगाएगा या जान से मारने के इरादे से देसी बम फेंकेगा, उसे गोली मार दी जानी चाहिए. यह अधिकार हमारे कानून में स्पष्ट रूप से दिया गया है."

शेख हसीना, उनके गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पिछले साल सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध कथित अपराधों का आरोप है. इस मामले में पांच धाराओं के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्यों का आरोप लगाया गया है. ट्रिब्‍यूनल ने 10 जुलाई को तीनों के खिलाफ आरोप तय किए. 

समर्थकों ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया

हसीना और कमाल पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया और अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया, जबकि मामून ने व्यक्तिगत रूप से मुकदमे का सामना किया, लेकिन सरकारी गवाह बन गए. शेख हसीना के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. 

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की फरवरी 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच (जिसे 'जुलाई विद्रोह' कहा गया) 1,400 लोग मारे गए थे, क्योंकि हसीना सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा कार्रवाई का आदेश दिया था. 

नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना 5 अगस्त 2024 को भारत आ गई थीं. इसके तीन दिन बाद मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार का पदभार संभाला. 

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हमने अधिकतम सजा की दुआ की है: इस्‍लाम 

हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए ICT-BD के चीफ प्रोसिक्‍यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने आरोप लगाया है कि वह 2024 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ किए गए अपराधों की "मास्टरमाइंड और प्रमुख निर्माता" थीं. 

इस्लाम ने शनिवार को कहा, "हमने अधिकतम सजा की दुआ की है. अदालत अपने विवेक का इस्तेमाल करेगी और हमें उम्मीद है कि आरोपियों को यथासंभव अधिकतम सजा दी जाएगी." इस बीच गृह मामलों के सलाहकार चौधरी ने कहा कि जो भी फैसला आएगा, "उसे लागू किया जाएगा." अभियोजन पक्ष ने कहा कि ICT-BD द्वारा फैसला सुनाए जाने के समय की कार्यवाही का सरकारी बीटीवी द्वारा सीधा प्रसारण किया जाएगा और ढाका में कई जगहों पर बड़े स्क्रीन पर इसे दिखाने की व्यवस्था की गई है. फैसला ICT-BD के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी स्ट्रीम किया जाएगा. हालांकि, टीम ने कहा कि फैसले के केवल कुछ हिस्से ही ट्रिब्‍यूनल की "अंतिम मंजूरी" से प्रसारित किए जाएंगे.  

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सुरक्षा बनाए रखने के लिए सेना की तैनाती

बीजीबी मुख्यालय के एक बयान में ढाका, गोपालगंज, फरीदपुर और मदारीपुर में तैनाती की पुष्टि की गई है और "इन इलाकों में पूरी तरह से सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने" के लिए सेना तैनात की गई है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सेना मुख्यालय को दो और पत्र भेजे हैं, जिनमें से सबसे नया रविवार को जारी किया गया जिसमें फैसले से पहले ICT-BD के आसपास सुरक्षा कड़ी करने के लिए सैनिकों की तैनाती का अनुरोध किया गया है. 

हसीना की अब भंग हो चुकी अवामी लीग पार्टी ने पिछले हफ्ते 10 नवंबर को "ढाका लॉकडाउन" अभियान की घोषणा की थी और यह उसी दिन हुआ था जिस दिन ICT-BD ने फैसला सुनाने की तारीख तय की थी.  

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ढाका में देसी बमों से कई गुप्‍त हमले 

उस दिन से कई गुप्त हमले हुए हैं, जिनमें से ज्‍यादातर सुबह होने से पहले हुए, जब अज्ञात संदिग्धों ने देसी बम विस्फोट किए, जिनमें अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक के मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर भी विस्फोट शामिल था. 

पिछले दो दिनों में ढाका के कई इलाकों में सार्वजनिक परिवहन, मुख्य सलाहकार और उनकी सलाहकार परिषद के एक सदस्य से जुड़े संस्थानों और छात्र-नेतृत्व वाली नेशनल सिटीजन पार्टी के नेता को निशाना बनाकर आगजनी और देसी बम हमलों की एक लहर ने लोगों में बेचैनी पैदा कर दी है. हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन पुलिस ने रातोंरात 18 अवामी लीग कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. 

ट्रिब्‍यूनल ने 23 अक्टूबर को 28 कार्य दिवसों के बाद मामले की सुनवाई पूरी की, जब 54 गवाहों ने अदालत के समक्ष गवाही दी कि पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन को कैसे दबाने की कोशिश की गई थी. 

अंतरिम सरकार ने हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत ने अभी तक इस अनुरोध का जवाब नहीं दिया है. 

ICT-BD को शेख हसीना ने बताया कंगारू कोर्ट

भारतीय मीडिया सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार माध्यमों के साथ हाल ही में दिए गए कई साक्षात्कारों में शेख हसीना ने ICT-BD को एक "कंगारू कोर्ट" बताया, जो पूरी तरह से उनके राजनीतिक विरोधियों से जुड़े लोगों द्वारा संचालित है. 

ब्रिटेन स्थित प्रमुख कानूनी फर्म डॉटी हाउस चैंबर्स ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में एक "तत्काल अपील" प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि हसीना पर "राजनीतिक प्रतिशोध से भरे माहौल में एक अनिर्वाचित अंतरिम सरकार के अधीन, जिसके पास कोई लोकतांत्रिक जनादेश नहीं है" मुकदमा चलाया जा रहा है. पिछले महीने अवामी लीग ने हेग स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में एक याचिका दायर में यूनुस प्रशासन पर मानवता के विरुद्ध अपराधों का आरोप लगाया गया है, जिसमें उसके सदस्यों की हत्या और मनमानी गिरफ्तारियां शामिल हैं. 

शेख हसीना के वक्‍त हुई थी ICT-BD की स्थापना

ICT-BD की स्थापना 2010 में हसीना के शासनकाल के दौरान 1971 के मुक्ति संग्राम में पाकिस्तानी सेना के कट्टर सहयोगियों पर मुकदमा चलाने के लिए की गई थी. उस समय ताजुल इस्लाम अभियुक्तों का बचाव करने वाले एक प्रमुख वकील के रूप में पेश हुए थे. बाद में ट्रिब्‍यूनल का संचालन निलंबित कर दिया गया. 

यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने ICT-BD कानून में संशोधन करके पिछली सरकार के नेताओं पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी, जिससे हसीना के खिलाफ मौजूदा मामला चलाने का रास्ता साफ हुआ.  

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