पाकिस्तानी गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान ने प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए- तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के मुद्दे पर अफगान तालिबान से इस उम्मीद के साथ बातचीत की थी कि अफगानिस्तान के भू-भाग का इस्तेमाल उसके खिलाफ नहीं किया जाएगा. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जा करने के बाद युद्धग्रस्त देश की जेलों से टीटीपी कमांडरों को रिहा किये जाने की खबरों पर अहमद की यह टिप्पणी आई है. टीटीपी या पाकिस्तानी तालिबान के आतंकवादियों ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान में बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया है.
अहमद ने जियो न्यूज से कहा, ‘‘टीटीपी मुद्दे पर हमने तालिबान से बातचीत की और उससे कहा कि पाकिस्तान अपने भू-भाग का इस्तेमाल अफानिस्तान के खिलाफ नहीं करने देगा और उसे उम्मीद है कि अफगानिस्तान भी अपने भू-भाग का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं करने देगा.'' काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद टीटीपी के पूर्व उप प्रमुख मौलाना फकीर मोहम्मद को रविवार को रिहा कर दिया गा था.
अहमद ने कहा कि प्रतिबंधित टीटीपी और दाइश के चरमपंथी नूरिस्तान और निगहार के पर्वतीय इलाकों में मौजूद हैं. मंत्री ने कहा कि वह इस बात का खुलासा मीडिया से नहीं कर सकते हैं कि पाकिस्तान ने तालिबान के साथ क्या बातचीत की. उन्होंने कहा, ‘‘पहले, पाकिस्तान अमेरिका का समर्थन कर रहा था जिसके चलते टीटीपी और (अफगान) तालिबान एक दूसरे से सहमति रखते थे लेकिन अब यह चीज नहीं है.'' एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान से लगी सीमा पर पाकिस्तान किसी शरणार्थी संकट का सामना नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने अफगान सीमा पर बाड़ लगाने का 97-98 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. ''