काबुल से 150 किमी दूर गज़नी शहर पर तालिबान ने किया कब्ज़ा : स्थानीय सांसद

अफगानिस्‍तान में हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं और मुल्‍क में तालिबान का नियंत्रण बढ़ता जा रहा है. राजधानी काबुल 150 किलोमीटर दूर गज़नी शहर पर भी तालिबान का कब्‍जा हो गया है. एक स्‍थानीय सांसद ने यह जानकारी दी.

Advertisement
Read Time: 11 mins
काबुल:

अफगानिस्‍तान में हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं और मुल्‍क में तालिबान का नियंत्रण बढ़ता जा रहा है. राजधानी काबुल 150 किलोमीटर दूर गज़नी शहर पर भी तालिबान का कब्‍जा हो गया है. एक स्‍थानीय सांसद ने यह जानकारी दी. एक सप्‍ताह में तालिबान के कब्‍जे में आई यह 10वीं राजधानी है और काबुल से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है. प्रोविंसियल काउंसिल के प्रमुख नसीर अहमद फकीरी ने न्‍यूज एजेंसी AFP को बताया, तालिबान ने शहर प्रमुख क्षेत्र- गवर्नर ऑफिस, पुलिस हैडक्‍वार्टर और जेल पर नियंत्रण कर लिया है. उन्‍होंने कहा कि शहर के अन्‍स हिस्‍सों में लड़ाई जारी है लेकिन गजनी शहर ज्‍यादातर विद्रोहियों के हाथों में है. तालिबान के प्रवक्‍ता की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किए बयान में भी गजनी शहर पर तालिबान के कब्जे की पुष्टि की गई है.

अफगान सेना ने भारत के बनाए सलमा डैम पर तालिबान के हमले को किया नाकाम

गौरतलब है कि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों के हटने के बाद से वहां तालिबानियों का वर्चस्‍व बढ़ा है जिसे लेकर विश्‍वभर में चिंता जताई जा रही है. नौबत यहां तक आ गई है कि अफगानिस्‍तान से लोग पलायन कर रहे हैं. इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी के कार्यक्रम में किसी भी तरह के परिवर्तन की संभावना से इनकार किया है बाइडेन ने 11 सितंबर तक युद्धग्रस्त देश से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी का आदेश दिया है. पेंटागन ने बताया कि अब तक वहां से 90 फीसदी से अधिक सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं. व्हाइट हाउस में जब संवाददाताओं ने बाइडेन से पूछा कि सैनिकों की वापसी के वर्तमान कार्यक्रम में क्या कोई बदलाव आ सकता है, इस पर उन्होंने कहा, ‘नहीं'. बाइडेन ने आगे कहा, ‘‘देखिए, हमने बीस साल से अधिक वर्षों में एक हजार अरब डॉलर से अधिक राशि खर्च की. अफगान बलों के 3,00,000 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित किया, साजोसामान दिया. अफगान नेताओं को एक साथ आना होगा. हमारे हजारों सैनिक घायल हुए, हजारों मारे गए. उन्हें अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी, अपने देश के लिए लड़नी होगी.'

तालिबान सामान्‍य नागरिक हैं, कोई सैन्‍य संगठन नहीं : इमरान खान

बाइडेन ने कहा था, ‘‘हम अपने वादे पूरे करेंगे जैसे कि हवाई क्षेत्र में मदद देना, यह देखना कि उनकी वायुसेना ठीक से काम करने में सक्षम हो, उनके बलों को भोजन और उपकरणों की आपूर्ति और उनके सभी वेतनों का भुगतान आदि. लेकिन उन्हें लड़ना होगा. उनकी संख्या तालिबान से अधिक है.''. (भाषा से भी इनपुट)

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Jammu Kashmir में विरोधियों पर बरसे Amit Shah, कहा- फिर से आतंकवाद को बढ़ाने की कोशिश | Hot Topic
Topics mentioned in this article