तालिबान की अंतरिम सरकार में वफादारों को रैंक के आधार पर काबिज किया गया है. सभी प्रमुख पदों पर कट्टरपंथी नेताओं को तरजीह दी गई है. पहले की तरह सरकार में किसी भी महिला को जगह नहीं दी गई है. बता दें कि यह उस "समावेशी" प्रशासन से बहुत दूर है जिसका तालिबान ने वादा किया था. समूह के खिलाफ बढ़ते विरोध में, हेरात में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
10 प्वाइंट्स में जानें तालिबान की नई सरकार के बारे में:
- सभी शीर्ष पदों को आंदोलन के प्रमुख नेताओं और पाकिस्तान से जुड़े हक्कानी नेटवर्क को सौंप दिया गया है. हक्कानी नेटवर्क तालिबान का सबसे हिंसक गुट है, जो विनाशकारी आत्मघाती हमलों के लिए जाना जाता है.
- तालिबान के संस्थापक और दिवंगत सर्वोच्च नेता मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है. अमेरिका के मोस्ट वांटेड आतंकी और खूंखार हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी गृह मंत्री बनाया गया है. हक्कानी को गृह मंत्री बनाकर तालिबान ने पाकिस्तान के करीबी होने पर मुहर लगा दी है.
- तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर को उप-प्रधानमंत्री बनाया गया है. बरादर ने 2020 में अमेरिकी वापसी समझौते पर हस्ताक्षर किए. बरादर को दोहा में स्थित एक अपेक्षाकृत उदारवादी तालिबान के चेहरे के रूप में देखा गया था. गनी बरादर को कट्टरपंथी मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद द्वारा शीर्ष पद से हटा दिया गया था. कट्टरपंथी मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद द्वारा ही तालिबान के क्रूर शासन में बामियान बुद्धों को नष्ट करने का आदेश दिया गया था.
- अंतरिम सरकार के गठन से यह साफ हो गया है कि राजनीतिक रूप से व्यावहारिक माने जाने वाले तालिबान के "दोहा गुट" को हाशिए पर डाल दिया गया है. दोहा समूह के एक अन्य सदस्य तालिबान के शेर अब्बास स्टानिकजई को उप विदेश मंत्री बनाया गया है.
- तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने एक बयान जारी कर कहा कि नई सरकार "इस्लामी नियमों और शरिया कानून को बनाए रखने की दिशा में कड़ी मेहनत करेगी".
- अमेरिका स्थित लॉन्ग वॉर जर्नल के प्रबंध संपादक बिल रोगियो ने दमनकारी शासन की वापसी के बारे में वैश्विक चिंताओं को संक्षेप में बताते हुए ट्वीट किया, "नया तालिबान, पुराने तालिबान की तरह ही."
- तालिबान ने सदाचार को बढ़ावा देने और बुराई की रोकथाम के लिए उस मंत्रालय को भी बहाल कर दिया है, जिसने शरिया कानून के आंदोलन की प्रतिबंधात्मक व्याख्या को लागू करने में विफल रहने के लिए लोगों को गिरफ्तार किया और दंडित किया.
- सैकड़ों अफगानों ने मंगलवार को काबुल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया, जहां तालिबान गार्डों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाईं. कई पत्रकारों को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया. हेरात में विरोध स्थल से दो शवों को शहर के केंद्रीय अस्पताल लाया गया.
- तालिबान के प्रवक्ता ने जनता को सड़कों पर न उतरने की चेतावनी दी और कहा कि पत्रकारों को किसी भी प्रदर्शन को कवर नहीं करना चाहिए. समूह - जिसने 1990 के दशक में स्टेडियमों में लोगों को मार डाला और चोरों के हाथ काट दिए - ने कहा कि वह अपने शासन के खिलाफ किसी भी प्रतिरोध को खड़ा नहीं होने देगा.
- अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, "हमने नोट किया है कि नामों की घोषित सूची में विशेष रूप से ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जो तालिबान के सदस्य हैं या उनके करीबी सहयोगी हैं और कोई महिला नहीं है. हम कुछ व्यक्तियों के जुड़ाव और ट्रैक रिकॉर्ड से भी चिंतित हैं."
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