'हैवान' पतियों के पास महिलाओं को वापस भेज रहा तालिबान, कइयों का रद्द किया तलाकनामा

देश में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के अनुसार, अफगानिस्तान में 10 में से 9 महिलाएं अपने साथी से शारीरिक, यौन या मनोवैज्ञानिक हिंसा का शिकार हुई हैं. इसके बावजूद अफगानिस्तान में महिलाओं का तलाक लेना वर्जित माना जाता है.

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तालिबान के आने से महिलाओं की स्थिति बद से बदतर हो गई है.
काबुल:

अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से तालिबान एक के बाद एक पुराने फैसलों को लागू कर रहा है. महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं. अब तालिबान ने महिलाओं पर जुल्म करने और उनके मन में खौफ पैदा करने का एक नया तरीका ढूंढ लिया है. अफगानिस्तान में अब उन महिलाओं को वापस अपने पति के पास जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो उनकी रोज-रोज की मारपीट और गाली गलौज से तंग आकर अलग हुई थीं या तलाक ले लिया था. ऐसी हजारों महिलाओं में से एक है मारवा (बदला हुआ नाम). तालिबान के फरमान के बाद वह अपने 8 बच्चों के साथ जगह-जगह छिपती फिर रही हैं.

दरअसल, मारवा ने कई साल तक अपने शौहर की प्रताड़ना झेली. एक बार झगड़े में पति ने उसके सारे दांत तक तोड़ दिए थे. महीनों तक मारवा मार झेलनी पड़ी. उसे कमरे में बंद करके रखा गया था. मारवा ने समाचार एजेंसी AFP को बताया कि मारपीट के दौरान हाथ तोड़ दिया गया. उंगलियां तोड़ दी गई. बाद में जब उससे ये दर्द सहन नहीं हुआ, तो उसने पिछली अमेरिका समर्थित सरकार के तहत तलाक ले लिया. अब तालिबान ने मारवा जैसी ऐसी कई महिलाओं का तलाक रद्द कर दिया है. सभी को अपने पतियों के पास लौटने को कहा गया है.

कई-कई दिन रहती थी बेहोश
मारवा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि कई ऐसे दिन भी थे जब वह बेहोश पड़ी रहती थीं. उनकी बेटियां उन्हें खाना खिलाती थीं. उन्होंने बताया कि उनका पति उनके बाल इतनी जोर से खींचता था कि वो आधी गंजी हो गई थीं. इतनी जोर से मारता था कि उनके सारे दांत टूट गए थे. हालांकि बाद में उन्होंने हिम्मत जुटाई और अपने 8 बच्चों के साथ पति से सैकड़ों किलोमीटर दूर भाग आई. उनके बच्चे कहते हैं कि कोई बात नहीं अगर हम भूखे हैं. कम से कम हम उस मारपीट से दूर हैं.

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पति का दावा-तलाक के लिए किया गया मजबूर
हालांकि, 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद मारवा के पति ने दावा किया कि उसे तलाक के लिए मजबूर किया गया था. जिसके बाद कमांडरों ने उसे वापस अपनी पत्नी को अपने चंगुल में लाने का आदेश दे दिया. मारवा ने एएफपी को बताया कि तालिबान के इस आदेश के बाद मैं और मेरी बेटियां बहुत रोए. मैंने अपने आप से कहा, ‘हे भगवान, शैतान लौट आया है. तालिबान कमांडरों के महिलाओं के तलाक को रद्द करने के बाद कई महिलाओं को उनकी अपमानजनक शादीशुदा जिंदगियों में वापस घसीटे जाने की सूचना मिली है.

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'इस्लाम तलाक की इजाज़त देता है'
देश में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के अनुसार, अफगानिस्तान में 10 में से 9 महिलाएं अपने साथी से शारीरिक, यौन या मनोवैज्ञानिक हिंसा का शिकार हुई हैं. इसके बावजूद अफगानिस्तान में महिलाओं का तलाक लेना वर्जित माना जाता है, और जो भी महिला अपने पति से अलग होने के बारे में सोचती है उसे माफ नहीं किया जाता.

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पिछली अमेरिकी समर्थित सरकार के तहत, कुछ शहरों में तलाक की दर लगातार बढ़ रही थी. वहीं महिलाओं के अधिकार काफी हद तक शिक्षा और रोजगार तक सीमित थे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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