तुर्की और सीरिया में एक के बाद एक आए भूकंप ने काफी तबाही मचाई है. सैकड़ों लोगों की जान गई है. वहीं, काफी नुकसान भी हुआ है. हालांकि, इस आपदा के बीच कुछ चमत्कार भी हुए हैं, जो अब सुर्खियां बन रहे हैं.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब भूकंप आया, तो फतमा अहमद का परिवार उत्तरी सीरियाई शहर अलेप्पो स्थिति अपनी इमारत से भाग चुकी थी क्योंकि उन्हें अस्पताल पहुंचना था. फातमा को प्रसव पीड़ा हुई ऐसे में वे सभी घर से निकल गए.
कुछ घंटों बाद उसने अस्पताल में अपने तीसरे बच्चे को जन्म दिया. अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि रास्ते में उन्होंने तबाही का मंजर देखा. अस्पताल तक की यात्रा मुश्किल थी. हालांकि, बचावकर्मी उन्हें सुरक्षा के लिए निर्देशित करते रहे.
उसने अपने नए बेटे नज्म अल-दीन महमूद के बारे में कहा, "भगवान उसकी रक्षा करें, उसे एक अच्छा जीवन दें और मुझे उससे दूर न करें. उसने मुझे जिंदगी दिलाई. मुझे उसे खोने का डर था."
फातमा ने बताया कि बच्चे के पैदा होने के बाद भी मां और बच्चे को खतरा था. उस दिन बाद में भूकंप का एक और बड़ा झटका आया. तब वे ऊपर के प्रसूति वार्ड में लेटे थे.
भागने में असमर्थ, वे अकेले रह गए क्योंकि डॉक्टर जान बचाने के लिए भाग गए थे. उसने कहा कि उसके माता-पिता और उसके एक और तीन साल के दो बच्चे अस्पताल की निचली मंजिल पर थे. उसके पति, जो एक सैनिक हैं, अलेप्पो के बाहर तैनात है और वहां नहीं थे.
उसने कहा, "मैंने उसे (बच्चे) लपेटा और ईश्वर से तब तक हमारी रक्षा करने की प्रार्थना करती रही जब तक कि भूकंप खत्म नहीं हो गया और हमें सुरक्षित नीचे नहीं ले जाया गया."
महिला के अस्पताल से डिस्चार्ड होने के बाद फिलहाल पूरा परिवार अस्थायी रूप से एक तंबू में रह रहा है. उनका घर नहीं गिरा लेकिन वे तब तक वापस नहीं लौट सकते जब तक कि इसे रहने के लिए सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाता.
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