स्विट्जरलैंड में शनिवार से शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. इस सम्मेलन में लगभग 100 देशों के प्रधानमंत्री और अन्य उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी हिस्सा ले रहे हैं.
वे यूक्रेन से अनाज निर्यात, रूस के कब्जे वाले ज़ापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा और कैदियों के आदान-प्रदान सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
यह बैठक यूक्रेन की पहल पर हो रही है और राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और कई नेता इटली में जी7 की बैठक के बाद सीधे यहां पहुंच कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं.
अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने यूक्रेन के लिए अमेरिका के अटूट समर्थन का वादा किया और रूस के 27 महीने के आक्रमण के परिणामस्वरूप देश के ऊर्जा क्षेत्र और इसकी मानवीय स्थिति के लिए 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता की घोषणा की।
रूस वर्तमान में यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर अपना कब्जा जमाए हुए है. इसमें क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है, जिसे उसने 2014 में अपने कब्जे में ले लिया था.
इस स्विस सम्मेलन का मकसद यूक्रेन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाना है. खास बात है कि इस सम्मेलन में रूस से दोस्ती रखने वाले देश भी शामिल हैं.
लेक ल्यूसर्न के ऊपर एक आलीशान होटल में आयोजित बैठक में भाग लेने वाले लगभग आधे देश यूरोप से हैं, जबकि आधे बाकी दुनिया से.
स्विट्जरलैंड को उम्मीद है कि इस साल इसी तरह का एक और सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और इसमें मॉस्को भी शामिल होगा. रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण कर युद्ध शुरू किया था.
इस युद्ध में सैकड़ों सैनिक मारे गए या घायल हुए हैं, साथ ही आम नागरिक भी हताहत हुए हैं. यूक्रेन का बुनियादी ढांचा भी रूस की गोलीबारी में तहस नहस हो गया है.
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