धड़कनें बढ़ाने वाले 46 मिनट: कभी गायब हुआ, तो कभी आग सा लाल, जानें कैसे सुनीता को लेकर धरती पर लौटा स्पेस क्राफ्ट

NASA Sunita Williams Return News Updates: 9 महीने से अधिक वक्त का इंतजार बस खत्म हो गया है. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर लैंड कर गई हैं.

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धरती पर पहुंचा सुनीता विलियम्स के लाने वाला कैप्सूल

Sunita Williams News: 9 महीने से अधिक के वक्त का इंतजार खत्म हो गया है. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर वापस आ गई हैं. उनके साथ बुच विल्मोर और 2 अन्य साथी अंतरिक्ष यात्री भी आ गए हैं. SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल में ही ये चार अंतरिक्ष यात्री बैठकर आए हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उड़ान भरने के 17 घंटे के बाद ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार तड़के सुबह 3.27 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा तट के पास समंदर में पैराशूट की मदद से गिरा. लेकिन धरती पर लैंड करने से पहले के 46 मिनट जितने रोचक थे, उतना ही दिल की धड़कन को बढ़ाने वाले भी. चलिए बताते हैं कि जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, उसके साथ रोमांच कैसे बढ़ा.

ऊपर दिख रही तस्वीर में धरती के सितारों के घर लौटने का सार है. स्पेस स्टेशन से धरती तक, 17 घंटे का धड़कनें रोक देने वाला सफर सुनीता और बाकी तीन अंतरिक्ष यात्रियों ने कैसे पूरा किया, यह आप तस्वीरों के कोलाज से समझ सकते हैं. पहली तस्वीर वह है जब चारों को ला रहा ड्रैगन कैप्सूल धरती के वायुमंडल में घुसा. इस दौरान यह कैप्सूल किसी जलते हुए तारे की तरह दिख रहा था. तड़के करीब पौने चार बजे उसने धरती की ओर आना शुरू किया. इस दौरान करीब सात से दस मिनट तक कैप्सूल से संपर्क टूट जाता है. इसके चंद मिनट बाद की यह वह तस्वीर है, जब कैप्सूल धरती से कुछ हजार फीट की दूरी पर पर आया और उसके पैराशूट खुल गए. यह कैप्सूल इसके बाद धीरे धीरे समंदर में जा गिरा और तैरने लगा. कुछ देर में पहले से मुस्तैद नासा की टीमें वहां पहुंचीं और करीब एक घंटे के सेफ्टी चेक के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को एक एक कर बाहर निकाला गया. सुनीता विलियम्स तीसरे नंबर पर बाहर आईं. उन्होंने करीब 9 महीने बाद धरती पर सांस ली. इतने लंबे समय तक स्पेस में रहने के बावजूद उनके चेहर पर थकान और शिकन का कोई नामोनिशान नहीं था. उन्होंने खुशी से अपना हाथ लहराया और मुट्ठी तान दी. यह तनी हुई मुट्ठी इंसानी जज्बे की एक दास्तां है.  

  • 2.38 AM- ड्रैगन कैप्सूल से ट्रंक सफलता के साथ अलग हो गया. इसके साथ सबसे मुश्किल 46 मिनट शुरू हो गए. चारों अंतरिक्षयात्री अब धरती में ओर बढ़ने ही वाले हैं.
  • 2.50 AM- वह पल शुरू हुआ जब पूरा कैप्सूल आग के गोले में बदल गया. धरती के वातावरण में घर्षण के कारण 3500 फारेनहाइट तक कैप्सूल तप जाता है. इसका मतलब है कि तापमान इतना बढ़ जाता है कि लोहा भी पानी हो जाए. लेकिन कैप्सूल में लगीं विशेष धातुएं कैप्सूल को गर्मी से बचाती हैं. आगे केे सबसे मुश्किल मिनटों में कैप्सूल का सिग्नल भी टूट जाता है. नासा के मुताबिक यह समय करीब सात से 10 मिनट तक का रहता है.
  • 2.54 AM- नासा के कमेंटेटर बता रहे थे कि कैप्सूल जब धरती से  करीब 18 हजार फीट नजदीक आएगा तो इसकी रफ्तार 350 मील (करीब 500 किलोमीटर) के करीब हो जाएगी.
  • 2.56 AM- नासा के सभी साइंटिस्ट की नजरें स्क्रीन पर टिकी हुई थी. धड़कनें बढ़ाने वाला पल शुरू हो गया.
  • 3.19 AM- ब्लैकआउट फेज जारी. आग के गोला जैसा दिखाई दे रहा ड्रैगन फ्रीडम कैप्सूल. हीट शीट  सभी यात्रियों को सुरक्षित रखती हैं. इस दौरान ग्राउंड से सभी कम्यूनिकेशन हट जाता है.
  • 3.24 AM: सुनीता विलियम्‍स समेत अन्‍य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आ रहा ड्रैगन कैप्‍सूल वायुमंडल पार कर गया है. पैराशूट खुल गया है. इससे यान की गति कम होगी.
  • 3.27 AM- पैराशूट के साथ ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा तट से लगे समंदर में उतरा.
  • 3.28 AM: सुनीता विलियम्‍स समेत धरती पर लौट आई हैं हैं. उनका ड्रैगन कैप्‍सूल समंदर में सुरक्षित उतर गया है. ये ऐतिहासिक पल था.
  • 9:00 AM:  सुनीता की वापसी पर व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने वादा किया, वादा निभाया. राष्ट्रपति ट्रंप ने नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने का वादा किया था. आज, वे सुरक्षित रूप से अमेरिका की खाड़ी में उतर गए, इसके लिए एलन मस्क, स्पेसएक्स और नासा का शुक्रिया!"

10 दिन का मिशन 9 महीने के इंतजार में बदला

NASA के इस ग्राफ से आप अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर लैंडिंग के प्रक्रिया को समझ सकते हैं. इसमें बताया गया है कि कैसे स्पेस स्टेशन से निकलने के बाद सवा 16 घंटे तक ड्रैगन कैप्सूल धरती की कक्षा में सही लोकेशन के लिए चक्कर लगाता रहा. इसके बाद बुधवार सुबह पौने चार बजे उसे वह लोकेश मिली, जहां से वह सीधे धरती की ओर बढ़ा. धरती के वायुमंडल में घुसने के बाद करीब 46 मिनट के सफर के बाद वह समंदर में उतरा.

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सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, यह दोनों ही अंतरिक्ष यात्री पिछले साल 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली चालक दल परीक्षण उड़ान (क्रू टेस्ट फ्लाइट)  पर बैठकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी. वैसे तो मिशन केवल 10 दिन का था लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आने की वजह से दोनों धरती पर वापस नहीं आ सके.

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यह वह फाइनल लम्हा है, जब चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आ रहा ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा तट पर समंदर में उतरा.

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कोशिशें कई बार हुईं. आखिरकार दोनों स्पेस स्टेशन पर ही काम पर लग गए. अब यह जोड़ी दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ वापस आ रही है. इन चारों को धरती पर वापस लाने और उनकी जगह स्पेस स्टेशन पर रिप्लेसमेंट के तौर पर चार अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए नासा ने SpaceX के साथ मिलकर क्रू 10 मिशन भेजा. इसके यान, ड्रैगन ने 4 अंतरिक्ष यात्रियों को पहले स्पेस स्टेशन तक पहुंचाया और अब सुनीता विलियम्स समेत 4 अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर धरती पर वापस आ रहा.

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