किस मिशन के लिए तीसरी बार अंतरिक्ष की उड़ान पर निकलीं भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स?

स्टारलाइनर विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाएगा, जो संकटग्रस्त बोइंग कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण और लंबे समय से प्रतीक्षित जीत हो सकती है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
नई दिल्ली:

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बुधवार को एक अन्य सहकर्मी के साथ तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए रवाना हुईं. इसके साथ ही दोनों ने बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया. विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन' कई बार के विलंब के बाद फ्लोरिडा के ‘केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन' से रवाना हुआ.

अंतरिक्ष यान के विकास में असफलताओं के कारण बोइंग के ‘क्रू फ़्लाइट टेस्ट मिशन' में कई सालों की देरी हुई. विलियम्स और विल्मोर की यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है, यान गुरुवार को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेगा.

वे अंतरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला में एक सप्ताह से अधिक समय बिताएंगे और इसके बाद 14 जून को वापसी के लिए पश्चिमी अमेरिका के एक दूरस्थ रेगिस्तान में उतरने के वास्ते स्टारलाइनर यान में फिर से सवार होंगे.

इससे पहले कई तकनीकी दिक्कतों के कारण उड़ान भरने से कुछ ही मिनट पहले लॉन्च को दो बार रोकना पड़ा था. विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में उड़ान का प्रयास कर रहे थे. अब, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी असफलताओं के बावजूद सुरक्षित उड़ान सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

1 जून, 2024 को निर्धारित उड़ान भरने से चार मिनट पहले इसे रद्द कर दिया गया था, क्योंकि ग्राउंड कंप्यूटर में से एक ने रॉकेट में एक तकनीकी समस्या का संकेत दिया था. यूएलए ने कहा कि इसके बाद कंप्यूटर के उन पार्ट्स को बदल दिया गया था, जिसमें दिक्कतें आ रहीं थी.

इससे पहले 7 मई, 2024 को हुए एक प्रयास में भी वाल्व से जुड़ी तकनीकी खराबी के कारण उड़ान भरने से कुछ घंटे पहले इसे स्थगित कर दिया गया था. इसके बाद टीम ने वाल्व को बदल दिया. नासा ने एक बयान में कहा, "अंतरिक्ष यान के सर्विस मॉड्यूल में एक छोटे हीलियम रिसाव का पता लगने के बाद स्टारलाइनर के प्रदर्शन और अतिरेक का आकलन किया गया."

दो लॉन्च रद्द होने के कारण, स्टारलाइनर में काफी देरी हो चुकी है और ये बजट से कहीं अधिक है. कुछ लोगों का कहना है कि बोइंग के विमानन व्यवसाय में आ रही समस्याओं का असर उसके अंतरिक्ष व्यवसाय पर भी पड़ सकता है.

स्टारलाइनर विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाएगा, जो संकटग्रस्त बोइंग कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण और लंबे समय से प्रतीक्षित जीत हो सकती है.

Advertisement

अंतरिक्ष यान के विकास में असफलताओं के कारण मिशन में कई वर्षों की देरी हुई है.

2014 में, नासा ने बोइंग को नए सिरे से अंतरिक्ष यान बनाने के लिए 4.2 बिलियन डॉलर का ठेका दिया. दस साल बाद, इसने एक भी सफल मानव अंतरिक्ष उड़ान नहीं देखी है. इसके विपरीत, स्पेस एक्स को क्रू ड्रैगन के विकास के लिए समान अनुबंध $2.6 बिलियन की अनुमानित लागत पर दिया गया था. स्पेसएक्स पहले से ही अपने क्रू मॉड्यूल पर अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक पहुंचा रहा है.

अंतरिक्ष में उड़ान भरने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए एक पोस्टर गर्ल  सुनीता विलियम्स बिल्कुल नए अंतरिक्ष यान में फिर से आसमान तक पहुंचने के लिए तैयार हैं. भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री के लिए ये तीसरी अंतरिक्ष यात्रा होगी, जिन्होंने अंतरिक्ष में 322 दिन बिताए हैं और पैगी व्हिटसन से आगे निकलने से पहले एक महिला द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक घंटे का भी रिकॉर्ड बनाया था.

इस बार, उन्होंने बिल्कुल नए अंतरिक्ष यान पर पहली बार मानवयुक्त मिशन पर उड़ान भरने वाली पहली महिला के रूप में इतिहास रचा.

Advertisement

विलियम्स की पहली अंतरिक्ष यात्रा 9 दिसंबर, 2006 से 22 जून, 2007 तक थी. प्लेन पर रहते हुए, उन्होंने 29 घंटे और 17 मिनट की चार स्पेसवॉक के साथ महिलाओं के लिए एक रिकॉर्ड बनाया.

अपनी तीसरी अंतरिक्ष यात्रा से पहले, 59 वर्षीया विलियम्स ने स्वीकार किया कि वो थोड़ी घबराई हुई थीं, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें नए अंतरिक्ष यान को उड़ाने में कोई घबराहट नहीं है, जिसे उन्होंने नासा और बोइंग के इंजीनियरों के साथ काम करते हुए डिजाइन करने में मदद की थी.

उन्होंने कहा, "जब मैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचूंगी तो ये घर वापस जाने जैसा होगा."

अपनी पिछली उड़ानों में, वो भगवान गणेश की एक मूर्ति और भगवद गीता की एक कॉपी ले गई थी.

विलियम्स ने इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला के रूप में भी इतिहास रचा. 2012 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के दौरान विलियम्स अंतरिक्ष में ‘ट्रायथलॉन' पूरा करने वाली पहली व्यक्ति बनी थीं.

Advertisement

विलियम्स मई 1987 में अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं. उनको 1998 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था और वो दो अंतरिक्ष अभियानों- 2006 में अभियान 14/15 तथा 2012 में 32/33 अभियानों का हिस्सा बनीं. उन्होंने अभियान-32 में फ्लाइट इंजीनियर और फिर अभियान-33 की कमांडर के रूप में काम किया.

Featured Video Of The Day
ICC Arrest Warrants For Israel Benjamin Netanyahu | नेतन्याहू के लिए खतरा बढ़ा, होंगे गिरफ्तार?
Topics mentioned in this article