चीन के लिए झटका, ओमिक्रॉन के खिलाफ 'सुरक्षा देने' में दुनियाभर में उपयोग हो रही चीनी वैक्‍सीन 'फेल' : स्‍टडी

यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं की टीम की ओर से मंगलवार रात को जारी बयान में कहा गया है कि Sinovac के टीके, Coronavac से पूरी तरह वैक्‍सीनेटेड 25 लोगों की जांच में, इनमें से किसी के भी ब्‍लड सीरम में ओमिक्रॉन वेरिएंट को बेअसर करने के लिए पर्याप्‍त एंटीबॉडीज नहीं पाई गई.  

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प्रतीकात्‍मक फोटो

दुनिया में बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल की जा रही वैक्‍सीन में से एक, Sinovac Biotech Ltd द्वारा निर्मित वैक्‍सीन, ओमिक्रॉन वेरिएंट (omicron variant) को बेअसर करने के लिए पर्याप्‍त एंटीबॉडीज प्रदान नहीं करती. हांगकांग के शोधकर्ताओं ने अपनी लैब के शुरुआती निष्‍कर्ष के आधार पर यह बात कही है. ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार,  कोविड-19 से बचाव के लिए चीनी टीके पर निर्भर लाखों लोगों के लिए यह जानकारी बड़ा  झटका साबित हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं की टीम की ओर से मंगलवार रात को जारी बयान में कहा गया है कि Sinovac के टीके, Coronavac से पूरी तरह वैक्‍सीनेटेड 25 लोगों की जांच में, इनमें से किसी के भी ब्‍लड सीरम में ओमिक्रॉन वेरिएंट को बेअसर करने के लिए पर्याप्‍त एंटीबॉडीज नहीं पाई गई.  

वैज्ञानिकों ने बताया है कि इसी तरह 25 पूरी तरह वैक्‍सीनेटेड लोगों के अन्‍य ग्रुप, जिन्‍हें Pfizer Inc और BioNTech SE की ओर से विकसित messenger RNA टीका दिया गया था, में से पांच में ओमिक्रॉन वेरिएंट को बेअसर करने की क्षमता पाई गई. यह टीका कंपनियों की ओर से पिछले सप्‍ताह जारी निष्‍कर्ष के अनुरूप है जिसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षा के लिए तीसरा टीका पर्याप्‍त होगा.  यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के संक्रामक रोगों की विशेषज्ञता के मामले में बेहद सम्‍मानित प्रोफेसर वोक युंग यूएन की अगुवाई में 50 लोगों पर की गई स्‍टडी, medical journal Clinical Infectious Diseases में प्रकाशन के लिए स्‍वीकार की गई है और प्रीप्रिंट के रूप में ऑनलाइन उपलब्‍ध है. 
  
हालांकि Sinovac के टीके की ओमिक्रॉन के खिलाफ 'प्रतिक्रिया' के बारे में अभी काफी जानकारी नहीं है मसलन वायरस से संक्रमित सेल्‍स के खिलाफ, टी सेल्‍स किस तरह से प्रतिक्रिया देंगी. यह निष्‍कर्ष उनके लिए एक झटके की तरह है जिन्‍होंने Coronavac की 2.3 अरब डोज लगवाई हैं. इसमें से ज्‍यादातर चीन और विकसित दुनिया से हैं. गौरतलब है कि जापान की एक स्‍टडी के अनुसार, ओमिक्रॉन वेरिएंट को डेल्‍टा की तुलना में चार गुना अधिक संक्रामक माना गया है, ऐसे में यदि कोरोना महामारी से दुनिया से बचाना है तो नए स्‍ट्रेन के खिलाफ, फिर से टीकाकरण  की कवायद शुरू करनी पड़ेगी. यदि समग्र अध्‍ययन में Sinovac टीके को ओमिक्रॉन के खिलाफ अप्रभावी पाया जाता है तो चीन के लिए यह बड़ा झटका होगा क्‍योंकि सरकार ने देश में विकसित इस वैक्‍सीन की 2.6 अरब डोज लगवाई हैं, इसमें से ज्‍यादातर Coronavac की हैं.  

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