बचाव के लिए समय के खिलाफ संघर्ष : तुर्की-सीरिया में भूकंप से मौतों की संख्या 11 हजार से अधिक हुई

Turkey-Syria Earthquake: अधिकारियों और डॉक्टरों ने कहा कि सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के झटके से तुर्की में 8,574 और सीरिया में 2,662 लोगों की मौत हो गई, जिससे कुल संख्या 11,236 हो गई

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तुर्की-सीरिया भूकंप: WHO ने कहा है कि इस भूकंप से करीब 2.3 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं.
सान्लिउर्फा, तुर्की:

तुर्की और सीरिया में मंगलवार को बचाव कर्मी कड़कड़ाती ठंड से जूझ रहे हैं और भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुई इमारतों के नीचे जीवित बचे लोगों को खोजने के लिए समय से तेज दौड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं. भूकंप के झटकों ने पहले से ही संघर्ष ग्रस्त इस सीमावर्ती क्षेत्र में दुखों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय मदद के आने से पहले लोग गर्म रहने की कोशिश में सड़कों पर मलबा जलाकर बैठे हैं.

हालांकि बचाव की कुछ असाधारण कहानियां सामने आई हैं. इनमें सीरिया में मलबे से जिंदा निकाले गए एक नवजात बच्चे की कहानी भी शामिल है, जो अभी भी अपनी मां से गर्भनाल से बंधा हुआ है. उसकी मां की सोमवार को भूकंप में मौत हो गई थी.

महिला के एक रिश्तेदार खलील अल-सुवादी ने एएफपी को बताया, "जब हम खुदाई कर रहे थे तो हमें एक आवाज सुनाई दी." "हमने धूल साफ की और बच्चे को गर्भनाल (बरकरार) से जुड़ा पाया. हमने गर्भनाल को काट दिया और मेरे चचेरे भाई उसे अस्पताल ले गए."

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शिशु अपने परिवार का एकमात्र जीवित सदस्य है. परिवार के बाकी लोगों की जिंदयारिस के विद्रोहियों तके कब्जे वाले शहर में मौत हो चुकी है.

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सोमवार को जब 7.8 तीव्रता का भूकंप आया तब लोग सो रहे थे. भूकंप ने हजारों भवनों को मलबे में तब्दील कर दिया. इस भूकंप ने संभावित रूप से लाखों लोगों को प्रभावित किया.

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तुर्की के गाज़ियांटेप और कहरामनमारस शहरों के बीच भूकंप के केंद्र के पास सबसे अधिक तबाही हुई. यहां कुछ भवनों को छोड़कर इमारतों की पूरी कतारें ढह गईं.

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विनाश के कारण तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को 10 दक्षिणपूर्वी प्रांतों में तीन महीने के आपातकाल की घोषणा कर दी.

अमेरिका, चीन और खाड़ी राज्यों सहित दर्जनों देशों ने तुर्की और सीरिया को मदद करने का वादा किया है. इन देशों में खोजी दलों के साथ-साथ राहत सामग्री हवाई मार्ग से पहुंचनी शुरू हो गई है. फिर भी कुछ सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. तुर्की के शहर कहरमनमारस में अली सगिरोग्लू ने कहा, "मैं अपने भाई को खंडहर से वापस नहीं ला सकता. मैं अपने भतीजे को वापस नहीं ला सकता. इधर-उधर देखिए. यहां कोई सरकारी अधिकारी नहीं है." उन्होंने कहा, "दो दिनों से हमने यहां आसपास सरकार को नहीं देखा है...बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं. सर्दियों के तूफान ने कई सड़कों को उजाड़ करके दुख को बढ़ा दिया है. उनमें से कुछ भूकंप से क्षतिग्रस्त हो गए. लगभग अगम्य, जिसके परिणामस्वरूप ट्रैफिक जाम हो गया है."

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