श्रीलंका (Sri Lanka) ने पाकिस्तान (Pakistan) में कथित ईशनिंदा (Blasphemy) के कारण एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या कर दिये जाने के मामले में छह दोषियों को वहां की आतंकवाद-रोधी अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाये जाने का स्वागत किया है. श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने लाहौर (Lahore) की आतंकवाद-रोधी अदालत के 18 अप्रैल के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें 47-वर्षीय प्रियंत कुमार की बर्बर हत्या के लिए छह पाक नागरिकों को मृत्युदंड और 81 अन्य को अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई गयी है.
कुमार लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर सियालकोट जिले की कपड़े की एक निजी फैक्ट्री में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत था.
गत वर्ष तीन दिसम्बर को ईशनिंदा के आरोपों के मद्देनजर करीब 800 लोगों की उग्र भीड़ ने फैक्ट्री पर हमला बोल दिया था और इसके महाप्रबंधक कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. उसके बाद कुमार के शव को आग लगा दी थी. इस भीड़ में कट्टर इस्लामी पार्टी ‘तहरीक-ए-लब्बाईक पाकिस्तान' के कार्यकर्ता भी शामिल थे.
‘डेली न्यूज श्रीलंका' ने शुक्रवार को खबर दी कि विदेश मंत्रालय ने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा है कि इस घटना के कारण दोनों देश सकते में आ गये थे तथा पाकिस्तान के नेतृत्व ने श्रीलंका को आश्वस्त किया था कि दोषियों को सजा दी जाएगी और न्याय होगा. श्रीलंका की संसद, राष्ट्रपति गोटाबायो राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिन्दा राजापक्षे ने इस जघन्य हत्या की कड़ी निंदा की थी और उम्मीद व्यक्त की थी कि पाकिस्तान सरकार दोषियों को सजा अवश्य देगी.
पाकिस्तान के कारोबारी समुदाय ने कुमार की पत्नी को एक लाख डॉलर दिए थे और फैक्ट्री मालिक ने वायदा किया था कि पीड़ित का 1650 डॉलर का वेतन प्रतिमाह उसके परिवार को दिया जाएगा.