सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में स्थित प्रख्यात मस्जिद में रविवार से पूरी संख्या के साथ लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर नमाज पढ़ी. कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार हुआ है. मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लगाए गए निशानों को कर्मचारियों ने हटा दिया. अधिकारियों के हवाले से सऊदी प्रेस एजेंसी ने लिखा है, 'यह एहतियाती उपायों को आसान बनाने और वहां आने वाले लोगों को पूरी क्षमता के साथ मस्जिद में जाने की मंजूरी देने के फैसले के मुताबिक है.'
रविवार सुबह लोगों को मस्जिद में कंधे से कंधा मिलाकर एक पंक्ति में खड़े होकर नमाज पढ़ते हुए देखा गया. सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को हटा दिया गया और अधिकारियों ने बताया कि मस्जिद में उन लोगों को आने की मंजूरी है, जिन्होंने कोरोना के टीके लगवा लिए हैं. इसके अलावा मस्जिद के अंदर उन्हें मास्क पहनकर रखना होगा. हालांकि, काबा तक पहुंचने की मंजूरी नहीं होगी.
सऊदी अरब ने अगस्त में ऐलान किया था कि कोरोना के टीके ले चुके उमराह करने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के आवेदन पर विचार करना शुरू किया जाएगा. उमराह पूरे साल में कभी भी किया जा सकता है. कोविड-19 की वजह से उमराह और हज दोनों बाधित हो गए थे. सऊदी अरब को इनसे प्रमुख राजस्व मिलता है, इनसे करीब सालाना 12 बिलियन डॉलर की कमाई होती है.
सऊदी प्रेस एजेंसी ने साथ ही बताया कि पूरी तरह से टीका लगवा चुके खेल प्रशंसकों को सभी स्टेडियमों और अन्य खेल कार्यक्रमों में भाग लेने की मंजूरी दी गई है. यह भी कहा गया है कि ज्यादातर खुली जगहों पर मास्क अब अनिवार्य नहीं है. सऊदी अरब में अब तक 547,000 से अधिक कोरोनावायरस मामले और 8,760 मौतें दर्ज की गई हैं.
अफवाह बनाम हकीकत: कोरोना का असर, टीबी से मौत के मामले बढ़े