खुशखबरी! शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन नहीं टलेगा- आखिरी समय में आई इस चूक को कर लिया गया दूर

Shubhanshu Shukla's Space Axiom-4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को लेकर यह स्पेस मिशन इंटरनेशनल स्पेस इंटरनेशनल के लिए रवाना होगा.

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Shubhanshu Shukla's Space Axiom-4 Mission: शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की उड़ान भरने को तैयार

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले जा रहा अंतरिक्ष मिशन Axiom-4 नहीं टलेगा. खबर आई थी कि लॉन्च के दौरान हवा से जुड़े डेटा को अपलोड करने में परेशानी आ रही है. मौसम पूरी तरह से लॉन्च के अनुकूल है लेकिन संभवतः सॉफ्टवेयर में खराबी आ जाने की वजह से डेटा अपलोड नहीं हो रहा था. लेकिन अब इस तकनीकी खामी को दूर कर लिया गया है.

शुभांशु शुक्ला के Axiom-4 मिशन के बारे में बड़ी बातें:

इस मिशन के साथ पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक भारतीय कदम रखेगा. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे. एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजा जाएगा, जिसकी लॉन्चिंग बुधवार को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से होगी.

ये मिशन फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से उड़ान भरेगा. एक्सिओम मिशन 4 के लिए बुधवार सुबह 2:31 बजे ईडीटी (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे) का लक्ष्य रखा गया है. फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च होने के बाद चालक दल एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान पर परिक्रमा प्रयोगशाला की यात्रा करेगा. आईएसएस से लक्षित डॉकिंग समय गुरुवार, 26 जून को सुबह लगभग 7 बजे (भारतीय समयानुसार, शाम करीब 4:30 बजे) है.

ये एक्सिओम स्पेस के विस्तारित कार्यक्रम के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है. बीते कुछ हफ्तों में एक्सिओम-4 मिशन को कई बार टाला गया. पहले मौसम खराब होने के कारण देरी हुई और फिर फाल्कन 9 रॉकेट में लीक जैसी तकनीकी समस्याएं सामने आईं. इन समस्याओं की पूरी समीक्षा और समाधान के बाद मिशन को हरी झंडी मिली.

चालक दल में इसरो का प्रतिनिधित्व करने वाले शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं, जो मिशन के पायलट के रूप में काम करेंगे. उनके साथ नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड से ईएसए अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी से टिबोर कापू भी शामिल हैं. भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए ये मिशन लंबे समय के बाद मानव अंतरिक्ष यान की वापसी का प्रतीक है.

ये अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर करीब 14 दिन गुजारेंगे. इस दौरान कई अहम प्रयोग किए जाएंगे। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित उन्नत खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे.

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