Shashi Tharoor on Terrorism: मिस्टर शशि थरूर जब बोलते हैं तो सिर्फ भारत नहीं पूरी दुनिया सुनती है… ऐसा दावा हम नहीं कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर के धूर विरोधी भी करते हैं. दुनिया के तमाम मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने वाले, अपनी अंग्रेजी बोलने के अंदाज और अंग्रेजी शब्दों के चयन से सोशल मीडिया पर हमेशा छाए रहने वाले डॉ. शशि थरूर को देश ने एक अहम जिम्मेदारी सौंपी है- पाकिस्तान की करतूत से पूरी दुनिया को वाकिफ कराने की. भारत ने ऐसे कई सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के तमाम कोनों में भेजा है और ऐसे ही एक ग्रूप को शशि थरूर (Shashi Tharoor slam Pakistan Terrorism) लीड कर रहे हैं. उन्होंने अमेरिका से दुनिया को संदेश दिया कि भारत अपने उपर हमला करने वाली बुरी ताकतों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा. अमेरिका में अपने जवाब और स्टाइल से मिस्टर थरूर एकदम छा गए हैं.
पाकिस्तान को बेनकाब करते शशि थरूर
डॉ. थरूर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत ने नृशंस पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों और हेडक्वाटर्स पर नपी-तुली और सटीक जवाब दिया. 9/11 मेमोरियल (स्मारक) के बाहर उन्होंने दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया. यहां पाकिस्तान को घेरते समय उन्होंने अपनी वाक कुशलता (बात रखने की काबिलियत) का पूरा परिचय दिया. यहां उन्होंने यह भी दिखाया कि कैसे पूरा भारत पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट है.
उन्होंने दुनिया को यह भी बताया कि कैसे पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा. उन्होंने कहा, हमने (पाकिस्तान के साथ) सब कुछ करने की कोशिश की है, इंटरनेशनल डोजियर, शिकायतें... हर चीज की कोशिश की गई है. लेकिन पाकिस्तान इनकार की स्थिति में रहा है, बिल्कुल कोई दोषसिद्धि नहीं हुई है, कोई गंभीर आपराधिक मुकदमा नहीं चला है, उस देश में आतंकी ढांचे को नष्ट करने का कोई प्रयास नहीं हुआ है, और सुरक्षित पनाहगाह बने हुए हैं... आप (पाकिस्तान) ऐसा करते रहेंगे, तो आपको जवाब मिलेगा और हमने इस ऑपरेशन (सिंदूर) के साथ प्रदर्शित किया है कि हम इसे सटीकता के साथ कर सकते हैं..."
वैसे यहां डॉ. थरूर के हाजिरजवाबी का साथ उनकी जेंटलमैन वाली ड्रेसिंग स्टाइल पूरी तरह दे रही थी. वो अपने चिर-परिचित नेकबैंड और स्कार्फ के साथ नजर आए.
भारत का पक्ष रखना है? मिस्टर थरूर हैं न
एक लेखक, राजनीतिज्ञ और पूर्व अंतर्राष्ट्रीय राजनयिक, डॉ. शशि थरूर को दुनिया का अनुभव है. उन्होंने UPA सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत सरकार में विदेश राज्य मंत्री और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के रूप में काम किया है. भारतीय राजनीति में आने से पहले डॉ. थरूर ने संयुक्त राष्ट्र में लगभग तीन दशकों तक काम किया है. डॉ. थरूर ने अपने साहित्यिक और सार्वजनिक जीवन का बड़ा हिस्सा संविधान में निहित भारत के विचार को व्यक्त करने, उसका बचाव करने और समर्थन करने में बिताया है. विदेश के मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं और खासकर डिबेट्स में भारत के औपनिवेशिक (गुलामी के वक्त) शोषण के लिए ब्रिटेन को जमकर घेरते नजर आते हैं.
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