चीन की औद्योगिक राजधानी शंघाई में सख्त लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के मामले बेकाबू होते जा रहे हैं. उसकी जीरो कोविड केस नीति पर भी सवाल उठने लगे हैं. शंघाई में रविवार को रिकॉर्ड 25 हजार के करीब कोरोना केस दर्ज किए गए. कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट की लहर के बाद शंघाई में यह तबाही मची है. शंघाई में पिछले 24 घंटे में करीब 11 हजार मरीजों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दी गई, लेकिन संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. शंघाई स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को कहा कि मरीजों को होम क्वारंटाइन में रखा जाएगा और उन पर ज्यादा अंकुश नहीं लगाया जाएगा. स्वास्थ्य अधिकारी सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को घर जाने की अनुमति देंगे. अधिकारियों को उनके स्वास्थ्य की होम क्वारंटाइन के दौरान नजर रखनी होगी.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार शंघाई में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण को लेकर हड़बड़ाहट की स्थिति में नजर आ रही है. रविवार को शंघाई में कोविड संक्रमण के 24,944 नए मामले सामने आए जो लगातार 9वें दिन महामारी के मामलों का एक नया रिकॉर्ड है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार के मुताबिक, शंघाई में कोरोना की मौजूदा लहर के दौरान अब तक संक्रमण के 1,79,000 मामले आ चुके हैं. इनमें ज्यादातर ओमिक्रॉन वैरिएंट के केस हैं. खबरों के मुताबिक, नए मरीजों में करीब 5400 संक्रमितों में हल्के लक्षण हैं और बाकी में कोविड के कोई लक्षण नहीं नजर आ रहे हैं.
कोविड-19 के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद से 2.6 करोड़ की आबादी वाले शंघाई शहर में लॉकडाउन लगा दिया गया जिसकी आलोचना हो रही है. अस्पतालों में बच्चों को उनके अभिभावकों से अलग करने और कई दिनों से अपार्टमेंट में बंद लोगों को खाना बांटने को लेकर चीन सरकार की आलोचना हो रही है. शंघाई में महामारी अब तक चरम पर नहीं पहुंची है. चिंता है कि लॉकडाउन कुछ और हफ्ते रह सकता है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को क्षति हो सकती है.