युद्ध के बीच सऊदी अरब ने इज़रायल डील को ठंडे बस्ते में डाला, ईरान के साथ की बातचीत : रिपोर्ट

सऊदी अरब, इस्लाम की जन्मस्थली और इसके दो सबसे पवित्र स्थलों का घर, लेटेस्ट वार से पहले तक ये संकेत दे रहा था कि वो अमेरिकी रक्षा समझौते के अपने प्रयास को पटरी से नहीं उतरने देगा.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
युद्ध ने सऊदी अरब को ईरान के साथ जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया है.
रियाद:

रियाद की सोच से परिचित दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि सऊदी अरब इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की अमेरिका समर्थित योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल रहा है, जो इजरायल और फिलिस्तीनी समूह हमास के बीच युद्ध बढ़ने के कारण अपनी विदेश नीति प्राथमिकताओं पर तेजी से पुनर्विचार करने का संकेत दे रहा है.

रॉयटर्स के अनुसार युद्ध ने सऊदी अरब को ईरान के साथ जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया है. सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पहला फोन ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को किया क्योंकि रियाद पूरे क्षेत्र में हिंसा में व्यापक वृद्धि को रोकने की कोशिश कर रहा है.

दो सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि इजराइल के साथ नोर्मलाइजेशन पर अमेरिका समर्थित वार्ता में देरी होगी, जो कि रियाद को बदले में अमेरिकी रक्षा समझौते के रियल प्राइज को सुरक्षित करने के लिए राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था. 

गौरतलब है कि जब तक ईरान समर्थित हमास ने 7 अक्टूबर को इज़राइल पर हमला करके युद्ध नहीं छेड़ा, तब तक इज़राइली और सऊदी दोनों नेता कहते रहे थे कि वे एक ऐसे समझौते की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं जो मध्य पूर्व को फिर से आकार दे सकता है. 

सऊदी अरब, इस्लाम की जन्मस्थली और इसके दो सबसे पवित्र स्थलों का घर, लेटेस्ट वार से पहले तक ये संकेत दे रहा था कि वो अमेरिकी रक्षा समझौते के अपने प्रयास को पटरी से नहीं उतरने देगा, भले ही इज़राइल ने फिलिस्तीनियों को राज्य के लिए उनके प्रस्ताव में महत्वपूर्ण रियायतें न दी हों. सूत्रों ने पहले ये कहा था. 

लेकिन फ़िलिस्तीनियों को दरकिनार करने वाला दृष्टिकोण पूरे क्षेत्र के अरबों को नाराज़ कर सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अरब समाचार आउटलेट इज़रायली जवाबी हवाई हमलों में मारे गए फ़िलिस्तीनियों की तस्वीरें प्रसारित कर रहे हैं.

Advertisement

बता दें कि हमास आतंकियों ने 7 अक्टूबर के हमले में 1,300 से अधिक इजरायलियों को मार डाला. वहीं, जवाब में गाजा पर इजरायल के चल रहे हमलों में शुक्रवार तक 1,500 से अधिक लोग मारे गए हैं. 

रियाद की सोच से परिचित पहले सूत्र ने कहा कि बातचीत अभी जारी नहीं रखी जा सकती है और जब चर्चा फिर से शुरू होगी तो फिलिस्तीनियों के लिए इज़रायली रियायतों के मुद्दे को एक बड़ी प्राथमिकता देने की आवश्यकता होगी. हालांकि, सऊदी सरकार ने इस आर्टिकर पर टिप्पणी के लिए ईमेल किए गए अनुरोधों का जवाब नहीं दिया. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi का काफिला वापस लौटा Delhi, Sambhal जाने से पुलिस ने रोका
Topics mentioned in this article