गोमा: रवांडा की तरफ़ से कांगो के लड़ाकू विमान पर मिसाइल दागे जाने की कार्रवाई के बाद दोनों के बीच तनाव काफ़ी बढ़ गया है. रवांडा का आरोप है कि कांगो के लड़ाकू विमान उसकी हवाई सीमा का उल्लंघन कर रहा था जिसकी वजह से आत्मरक्षा में ये क़दम उठाया गया. कांगो ने इस आरोप का खंडन किया है और कहा है कि उसका लड़ाकू विमान उसकी हवाई सीमा में ही था. हमला तब हुआ, जब उसका विमान उसके अपने शहर गोमा के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतर रहा था.
कांगो के लड़ाकू विमान पर मिसाइल 24 जनवरी को दागी गई, जिसमें विमान बाल बाल बच गया. इस घटना के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें साफ़ दिख रहा है कि रवांडा की तरफ़ से दागी गई मिसाइल कांगो के जेट सुखोई25 के बिल्कुल पास जाकर फटा. विमान गोमा एयरपोर्ट पर उतरने में कामयाब रहा. इसके बाद के वीडियो में दिख रहा है कि मिसाइल ने किस तरह से विमान को नुक्सान पहुंचाया है. विमान के अलग-अलग हिस्सों में कई छेद हो गए हैं.
दशकों पुरानी है रवांडा और कांगो के बीच तनातनी
रवांडा और कांगो के बीच तनातनी दशकों पुरानी है. 1994 के रवांडा में जो नरसंहार हुआ था, उसमें क़रीब 10 लाख लोग मारे गए थे. इसमें तुत्सी के साथ-साथ उदारवादी हूतू भी शामिल थे. इस नरसंहार को अंजाम देने वालों को ख़त्म करने के लिए रवांडा और युगांडा ने मिल कर 1996 में कांगो में पहली लड़ाई छेड़ दी थी. फिर दूसरा कांगो युद्ध भी हुआ, जो आधिकारिकतौर पर 2002 में ख़त्म हुआ. हालांकि, युद्ध खत्म होने के बावजूद, दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार रहा.
रवांडा पर लगते रहे हैं ये आरोप
कांगो का आरोप है कि रवांडा उसके विद्रोही संगठन कांगोली रिवोल्यूशनरी आर्मी (एम23) ग्रुप को समर्थन और सहयोग देता है. एम23 में तुत्सियों की अधिकता है. रवांडा की सरकार तुत्सियों के समर्थन वाली सरकार है, ऐसा माना जाता है. एम23 ग्रुप मुख्यतौर पर कीवु के इलाक़े में ऑपरेट करता है और इसने एक बार गोमा शहर को भी अपने कब्ज़े में ले लिया था. एम23 का खनिज संसाधनों की प्रचुरता वाले पूर्वी कांगो में काफ़ी दबदबा है.
2022 में एम23 ने 131 लोगों की हत्या की, जिसके लिए कांगो ने रवांडा को ज़िम्मेदार ठहराया. यूएस फ्रांस, बेल्जियम और यूएन की टीम ने इस आरोप की जांच कर इसे सही बताया. दूसरी तरफ़ रवांडा का भी आरोप रहा है कि कांगो उसके ख़िलाफ़ विद्रोहियों को उकसाता रहता है. शांति स्थापना के लिए पिछले साल नवबंर में अंगोला की राजधानी लाउंडा में एक मिनी समिट हुआ, जिसमें सभी क्षेत्रीय देशों ने हिस्सा लिया. समझौते के तहत एम23 विद्रोही संगठन ने अपने कब्ज़े वाले इलाक़े छोड़े नहीं हैं और आरोप रवांडा पर है कि वह इसे समर्थन और हथियार दे रहा है. इसी तनातनी का नतीजा कांगो के लड़ाकू विमान पर रवांडा की तरफ़ से हमले के रूप में सामने आया है.