रूस (Russia-Ukraine War) ने शांति वार्ता के दौरान यूक्रेन कीव और एक अन्य शहर के आसपास सैन्य अभियानों को कम करने का वादा किया है, लेकिन यूक्रेन ने रूस के वादे पर प्रतिक्रिया देते हुए संदेह व्यक्त किया है, क्योंकि कुछ पश्चिमी देशों ने मॉस्को से यूक्रेन के अन्य हिस्सों में हमले तेज करने की उम्मीद जताई थी. बता दें कि इस्तांबुल के एक महल में एक महीने से भी अधिक समय से वार्ता चल रही है. यह हमला दूसरे विश्व युद्ध के बाद एक यूरोपीय देश पर सबसे बड़े हमले के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें हजारों लोग मारे गए और घायल हुए हैं. यही नहीं करीब 4 मिलियन लोग विदेश भादने को मजबूर हुए. इसके साथ ही प्रतिबंधों के साथ रूस की अर्थव्यवस्था भी चौपट हो चुकी है.
इससे पूर्व रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन ने संवाददाताओं से कहा था कि पारस्परिक विश्वास बढ़ाने और आगे की बातचीत के लिए आवश्यक शर्ते औरसहमति के लिए कीव और चेर्निहाइव में सैन्य गतिविधियों को कम करने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने अन्य क्षेत्रों का कोई उल्लेख नहीं किया, जिनमें दक्षिण-पूर्व में मारियुपोल, पूर्व में सुमी और खार्किव और दक्षिण में खेरसॉन और मायकोलाइव शामिल हैंऔर जहां भारी लड़ाई और नुकसान देखा गया.
रॉयटर्स में छपी खबर के मुताबिक- इसे से लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने मंगलवार देर रात कहा, "यूक्रेनी लोगों को नौसिखिया मत समझो." आक्रमण के इन 34 दिनों के दौरान और डोनबास के पिछले आठ वर्षों के युद्ध से सीख चुके हैं कि एक ही चीज पर भरोसा किया जा सकता है और वह है ठोस परिणाम. यूक्रेनी सशस्त्र बलों के सामान्य कर्मचारियों ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में सैन्य अभियानों को कम करने का रूस का वादा "शायद व्यक्तिगत इकाइयों का एक रोटेशन था और गुमराह करने का तरीका था."
रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता में मॉस्को के प्रमुख वार्ताकार ने साफ कर दिया है कि कीव और उत्तरी यूक्रेन के आसपास सैन्य अभियानों को कम करने वाले वादे का मतलब युद्धविराम नहीं है. इसके लिए अभी कीव के साथ औपचारिक समझौते पर बातचीत को अभी लंबा रास्ता तय करना है. तुर्की में हुई बातचीत के बाद रूस ने कीव और उत्तरी यूक्रेन के आसपास हमले कम करने की बात कही थी. यूक्रेन ने तुर्की में मंगलवार को रूस के साथ महीने भर से चले आ रहे संघर्ष को सुलझाने के लिए कई प्रस्ताव रखे, यूक्रेन, संघर्ष को सुलझाने के लिए कई कोशिश कर चुका है. इसके लिए उसने नाटो में शामिल होने की अपनी इच्छा को भी छोड़ देने का ऐलान किया है. रूस ने भी कहा है कि कीव के आसपास सैन्य गतिविधियों को कम करेगा.