- यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर अमेरिका के टैरिफ लगाने का समर्थन किया
- जेलेंस्की ने रूस के ऊर्जा व्यापार को यूक्रेन के खिलाफ पुतिन का हथियार बताया और इसे रोकने की जरूरत बताई है.
- उन्होंने कहा कि रूस के साथ डील करने वाले देशों पर टैरिफ लगाना सही विचार है. इसे पुतिन पर दबाव का तरीका माना.
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने भारत सहित रूस के साथ व्यापार संबंध रखने वाले देशों पर अमेरिका के टैरिफ लगाने का समर्थन किया है. उन्होंने अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ कार्रवाई को "सही विचार" बताया है. अमेरिकी ब्रॉडकास्टर एबीसी से बात करते हुए जेलेंस्की ने रूस के ऊर्जा व्यापार को यूक्रेन के खिलाफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हथियार करार दिया. उन्होंने कहा कि इस तेल निर्यात को रोकने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हाल ही में चीन में हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर जेलेंस्की ने कहा, "मुझे लगता है कि रूस के साथ डील करना जारी रखने वाले देशों पर टैरिफ लगाने का विचार एक सही विचार है."
जेलेंस्की ने यूरोपीय देशों को भी घेरा
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के साथ ऊर्जा व्यापार जारी रखने के लिए यूक्रेन के यूरोपीय पार्टनर देशों पर भी हमला किया है. उन्होंने कहा, "हम सभी समझते हैं कि हमें पुतिन पर अतिरिक्त दबाव बनाने की आवश्यकता है. हमें अमेरिका से दबाव की आवश्यकता है. और मैंने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप यूरोपीय लोगों के बारे में सही हैं- मैं सभी पार्टनर्स का बहुत आभारी हूं. लेकिन उनमें से कुछ अभी भी रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं. यह उचित नहीं है... इसलिए हमें रूस से किसी भी प्रकार की ऊर्जा खरीदना बंद करना होगा... मुझे लगता है कि जो देश रूस के साथ अभी भी डील कर रहे हैं, उन देशों पर टैरिफ लगाने का विचार है एक सही विचार है."
जेलेंस्की ने कहा, "यह हत्यारे को रोकने का केवल एक, एक ही तरीका है. आपको उसके हथियार को हटाने की जरूरत है. इनर्जी (उर्जा) उसका हथियार है."
हाल ही में अलास्का में ट्रंप के साथ शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन को अमेरिका में मिले भव्य स्वागत के बारे में पूछे जाने पर यूक्रेनी नेता ने कहा कि यह दुख की बात है कि यूक्रेन वहां नहीं था. जलेंस्की ने कहा, "ट्रंप ने पुतिन को वह दिया जो वह चाहते थे... वह अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे... पुतिन हर किसी को दिखाना चाहते थे कि वह वहां हैं." उन्होंने वार्ता के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन के मॉस्को आने के निमंत्रण को भी अस्वीकार कर दिया और कहा, "वह (पुतिन) कीव आ सकते हैं... जब मेरा देश मिसाइलों के घेरे में है तो मैं मॉस्को नहीं जा सकता."
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